गोण्डा - उत्तर प्रदेश बाल सेवा योजना का शुभारंभ लखनऊ से वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया, वहीं जनपद स्तर पर जिलाधिकरी मार्कण्डेय शाही की अध्यक्षता में एनआईसी में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता व संरक्षकों को खोने वाले बच्चों के पालन, पोषण, शिक्षा व संरक्षण हेतु प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गयी यह योजना नौनिहालों के जीवन में नये उत्साह, उमंग का संचार करेंगी, इस योजना के तहत चार हजार रूपये प्रतिमाह मिलेगा, जब तब बालक 18 वर्ष का नहीं हो जायेगा। इसके आलावा भी उन्हें अन्य सहायताएं जैसेे अटल आवास योजना के तहत बने भवनों में यदि वह पढ़ाई करना चाहते हंै तो उन्हें इसकी सुविधा दी जायेगी, कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पढ़ने की सुविधा दी जायेगी।
जनपद में इस योजना के तहत अब तक 67 बच्चों का चयन किया गया है जिसमें प्रथम चरण में 52 बच्चों को इसका लाभ दिया जायेगा, जबकि द्वितीय चरण में 15 बच्चों को लाभ दिया जायेगा। गुरुवार एनआईसी में मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष श्री घनश्याम मिश्रा, जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही, पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा ने प्रमाण पत्र सौंपा।।
इस मौके पर जिलाधिकारी श्री शाही ने कहा कि इन बच्चों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसकी जिम्मेदारी प्रशासन पूरी तरह से उठायेगा। यह बच्चे अपने आपको अकेला न महसूस करें, इनसे संबंधित जो भी सहायता सरकार द्वारा भेजी जा रही है उसको शीघ्र पूरा करके इन बालकों को मदद पहुंचाई जाएगी, जिससे इन बच्चों का भविष्य सुधर-संवर सके। उन्होंने कहा कि इस योजना से कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं संरक्षण करने में मददगार साबित होगी और ऐसे बच्चे शिक्षित होकर अपना भविष्य बना सकेगें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह को निर्देश दिये कि ऐसे अनाथ एवं संकटग्रस्त बच्चों के सम्बन्ध में निरन्तर जानकारी रखें और उन्हें सभी आवश्यक सेवायें प्रदान करें। उन्होने उपस्थित बच्चों की देखरेख करने वाले संरक्षकों से कहा कि बच्चों के सम्बन्ध में किसी प्रकार की दिक्कत आने पर सम्बन्धित विभाग के अधिकारी से सम्पर्क करें।
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