करनैलगंज/गोण्डा। तहसील करनैलगंज अंतर्गत पारा के निकट बाबा कुटी स्थान पर करीब 200 वर्ष पूर्व एक संत ने समाधि ली थी। रविवार को सुबह समाधि स्थल पर समाधि लीन संत का कंकाल निकलने से वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। वह कंकाल मंदिर के टीले नुमा स्थल पर जमीन की सतह से करीब 15 फीट ऊपर दिखाई दिया।
कंकाल निकलने के बाद वहां लोगों का तांता लग गया। हजारों की संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। वहां फूल माला एवं चढ़ावा चढ़ाने के साथ-साथ बधाइयां बजने लगी, लोग दर्शन के लिए उमड़ पड़े और पूजा पाठ कीर्तन भजन प्रारंभ हो गया। देर शाम तक हजारों की संख्या में लोग बाबा कुटी स्थान पर पहुंचे और दर्शन किया। लोग इसे अद्भुत संयोग मान रहे हैं और बाबा के प्रगट होने का कयास लगाते हुए पूजन अर्चन कर रहे हैं। बताया जाता है कि करीब 200 वर्ष पूर्व इस कुटिया स्थल व मंदिर पर एक संत रहा करते थे जो पूजा पाठ करने के साथ-साथ लोगों की समस्याओं को भी सुन कर वह निराकरण करते थे। संत पुरुष होने के नाते उन्होंने अपना जीवन लोगों की सेवा में और भगवान की पूजा में व्यतीत किया। उसके बाद जीवित रहते हुए समाधि लेने का उन्होंने फैसला ले लिया था। उस कुटिया स्थल पर उन्होंने जमीन की सतह पर गड्ढा बनाकर उस गड्ढे में खड़े खड़े समाधि लीन हो गए थे। रविवार की सुबह जब लोग उस कुटिया स्थल की तरफ गए तो देखा कि कंकाल जमीन की सतह से ऊपर निकला हुआ था। जो करीब 15 फीट ऊंचा मिट्टी के टीले के ऊपर था। यह देखने के बाद आस-पास के गांव में जबरदस्त चर्चा फैल गई और लोग बाबा कुटिया स्थान की तरफ दौड़ पड़े देखते ही देखते वहां भारी संख्या में लोगों का जमावड़ा लग गया। फूल माला चढ़ाने लगे, लोग पूजा पाठ करने लगे और वही भंडारा शुरू होने के साथ प्रसाद वितरण होने लगा। भजन कीर्तन की टोलियां एकत्र हो गई देर शाम तक हजारों की संख्या में लोगों ने दर्शन किए। वही कुटी के आसपास भीषण गंदगी के मद्देनजर ग्राम पारा निवासी भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश मंत्री गजराज सिंह ने उप जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया और सारी बात बताई। मौके पर साफ सफाई एवं पेयजल की व्यवस्था कराने की मांग की। जिस पर उप जिलाधिकारी हीरालाल यादव ने खंड विकास अधिकारी को कुटी के आसपास साफ सफाई करवाने एवं पेयजल की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए वहीं और प्रभारी निरीक्षक कोतवाली करनैलगंज को वहां सुरक्षा व्यवस्था कराए जाने के निर्देश दिए हैं।