गोण्डा-कोरोना से जंग जीतने के बाद काम पर लौटे चिकित्सक दंपत्ति डॉ मधुसूदन सिंह व डॉ स्कंद पद्मनी सिंह,टीम को दिया धन्यवाद।

गोंडा-कोरोना के कहर से पूरा देश बेहाल है। बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी भी इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं। संकट के इस समय में नर्स और डॉक्टरों पर काफी जिम्मेदारी है। इसी कड़ी में गोंडा जिले के चिकित्सक दंपती के हौसलों की खूब चर्चा हो रही है। 

जिले में संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के एमओ डॉ मधुसूदन सिंह और उनकी पत्नी डॉ स्कंद पद्मिनी सिंह सीएचसी पंड़री कृपाल में तैनात हैं।
शहर के आवास विकास कॉलोनी में किराये पर मकान लेकर रह रहे डॉक्टर दंपत्ति बताते हैं कि उनके दो बच्चे दस साल का बेटा और पांच साल की बेटी है । घर में बच्चों की देखभाल करने वाला कोई न होने की वजह से बच्चों को भी ड्यूटी के दौरान अपने साथ ही रखते हैं । 
वह बताते हैं कि कोरोना के शुरुआत से ही उनकी ड्यूटी रैपिड रेस्पॉन्स टीम में लगी हुई है, जिसे अपना नैतिक कर्तव्य और समाजसेवा समझ दोनों लोग बखूभी निभा भी रहे हैं । वह कहते हैं कि ड्यूटी के दौरान ही पिछले माह अप्रैल में उन्हें सर्दी-खांसी और बुखार हुआ, तो पूरे परिवार का कोविड टेस्ट कराया । 14 अप्रैल को एंटीजन और 17 अप्रैल को जब सभी का आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी पॉजिटिव आया, तो मन में थोड़ी चिंता और परेशानी हुई कि बच्चों का देखभाल कैसे होगा । हमने तुरंत छुट्टी लेकर बच्चों और खुद को घर के अलग-अलग कमरों में आईशोलेट कर लिया  ।
उनका कहना है कि मुसीबत की इस घड़ी में सीएचसी पंड़री कृपाल के अधीक्षक डॉ अरुण मौर्य, आरबीएसके टीम के हमारे साथी फार्मेसिस्ट मोहित सिंह, आरकेएसके के जिला समन्वयक रंजीत सिंह, डॉ विकास व जिला चिकित्सालय में तैनात डॉ विपिन यति ने हमारा हौसला बढ़ाया और हर स्तर से मदद करने की बात कही । बिना किसी डर और संकोच के इन लोगों ने समय-समय से मेरे घर आकर नाश्ता, खाना, दवाई व जरूरत की अन्य वस्तुयें पहुंचायी तथा हर स्तर से हमारी मदद की ।
सभी सहयोगी मित्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी चिकित्सक और कर्मचारी के बार-बार मनोबल बढ़ाने, होम आईसेलेशन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन करने के साथ 14 दिनों बाद जब दोबारा टेस्ट कराया तो हम तीन लोगों की रिपोर्ट  नेगटिव आ गयी। लेकिन डॉ स्कंद पद्मिनी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन कुछ दिन बाद नेगेटिव आई
कोरोना से जंग जीतने के बाद दोनों लोग काम पर फिर से वापस आ गए हैं। डॉ स्कंद पद्मिनी को शारीरिक रूप से अधिक कमजोर होने की वजह से विभाग द्वारा उनकी ड्यूटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पार्टी कंट्रोल रूम में लगा दी गयी है ।
डॉ स्कंद पद्मिनी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि हममें से किसी को अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा ।
उन्होंने बताया कि अभी भी अच्छा महसूस नहीं हो रहा है। शरीर में काफी दर्द है और कमजोरी महसूस हो रही है।
"देश की सेवा और अपने फर्ज निभाने के लिए ड्यूटी पर वापस आ गये । जिस तरह हमारा सहयोग सभी लोगों ने किया वैसे ही हम सबको एक दूसरे की सहायता करने के लिए आगे बढ़ना पड़ेगा।" डॉ मधुसूदन सिंह ।

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