गोंडा-इस समय देश का कोई भी ऐसा शहर नहीं, जहां कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से न बढ़ रहा हो। ऐसे में लोग अवसादग्रस्त हो रहे हैं। जिले की बात की जाए, तो यहां एक्टिव केस अब 8800 के पार चला गया है, लेकिन इनमें से करीब 80 फीसद लोगों में मामूली लक्षण हैं। यह मरीज होम आइसोलेशन में रहकर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ठीक हो रहे हैं।
कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ मनोज कुमार का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर घातक और संक्रामक है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। सकारात्मक सोच के साथ इस संक्रमण को मात दी जा सकती है। मंगलवार 28 अप्रैल को सुबह 10:45 तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 190 नए केस मिले हैं | जिले में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 8899 हो गयी है | लेकिन राहत भरी बात यह है कि कुल पॉजिटिव मरीजों में से अब तक 6789 लोगों ने संयम और समझदारी से कोरोना से लड़ाई लड़कर जीत हांसिल की है | कुल एक्टिव केसों की संख्या 1999 है |
लोगों में जागरूकता की कमी: दरअसल, लोग अब भी कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूक नहीं हैं और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि एक क्षेत्र में एक व्यक्ति संक्रमित है, तो वह तमाम लोगों को संक्रमित कर रहा है। इससे हर उम्र के लोग संक्रमित हो रहे हैं। मधुमेह, सांस संबंधी बीमारी, हृदय रोग से पीड़ित मरीज भी संक्रमित होने लगे हैं। इनके लिए कोरोना घातक हो रहा है, लेकिन 80 फीसद कोरोना संक्रमित मरीजों में सामान्य लक्षण हैं। यह होम आइसोलेशन में पूरी तरह से ठीक हो रहे हैं। कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ मनोज कुमार का कहना है कि होम आइसोलेशन में कुछ सावधानी बरतें, हर दो घंटे पर आक्सीजन का स्तर देखते रहें। आक्सीजन का स्तर 94 फीसद से कम है, सांस लेने में परेशानी हो रही है, सीने में जकड़न है, तो स्वास्थ्य विभाग को सूचना दें, जिससे अस्पताल में भर्ती कराया जा सके।
तन के साथ मन का भी स्वस्थ रहना जरूरी :
बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय गोंडा के मानसिक रोग विभाग की क्लीनिकल साईकोलॉजिस्ट डॉ रंजना गुप्ता का कहना है कि इस भयावह दौर में कोविड रोगी के लिए जरूरी है कि वह तन के साथ मन से भी स्वस्थ रहे | इसलिए फोन व वीडियो कॉल पर परिवार के सदस्यों एवं रिश्तेदारों के संपर्क में रहें | अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ें, टेलीविज़न शो एवं फ़िल्में देखें या फिर गेम खेलें |
रूटीन है जरूरी :
जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ पीके मिश्र का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव होने पर शरीर में थकान महसूस होना एक आम लक्षण है, जिसके चलते कई मरीज बिस्तर पर ही अपना ज्यादातर समय बिताने लगते हैं, जो सही नहीं है | होम क्वारैंटाइन में एक रूटीन जरूर बना लें, सुबह जल्दी उठकर हल्का—फुल्का व्यायाम करें, कमरे में थोड़ा वॉक करें और शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखें। दोपहर के खाने के बाद आराम करें, शाम को आप वॉक कर सकते हैं या कोई किताब पढ़ सकते हैं। कोशिश करें कि रात 10 बजे तक सो जाएं | पूरे दिन का एक रूटीन सेट कर लें | इससे आपको अपने लिए समय भी मिलेगा और आपका मन भी लगा रहेगा |
नापते रहें अपना तापमान और ऑक्सीजन लेवल :
कोरोना वायरस आपके फेफड़े और श्वास नलिका को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इसलिए भाप लेना जरूरी है। दिन में 3-4 बार गर्म पानी से भाप जरूर लें | दिन में दो बार थर्मामीटर से अपना तापमान जांचे, यदि आपको बुखार आता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही पल्स ऑक्सीमीटर से दिन में 4 से 5 बार अपना ऑक्सीजन और पल्स लेवल चेक करें। यदि आपको लगता है कि ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से बात करें और तुरंत अस्पताल जाएं।
अपनों को संक्रमण से बचाना बहुत जरूरी :
घर पर हैं तो इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आपके अपने संक्रमण के दायरे में न आएं। इसलिए इन बातों का खास ख्याल रखें –
ज्यादातर अपने कमरे का दरवाजा बंद रखें
कोशिश करें किसी बुजुर्ग के बजाए परिवार का कोई यंग सदस्य खाना देने आए
खाना खाने के बाद बर्तनों को धो कर सैनिटाइज करें, घर वालों से कहें कि इसे दोबारा धोकर ही इस्तेमाल करें
ज्यादा से ज्यादा दूरी बनाकर बात करें
अगले 14 दिन के लिए 3-4 जोड़ी कपड़े बाहर निकाल कर अलमारी बंद कर दें
इस्तेमाल किए गए मास्क को सैनिटाइज कर पॉलीथिन में रख दें, 14 दिन बाद इसे एक साथ डिस्पोज करें
ठीक होने के बाद पूरे कमरे को सैनिटाइज करें, आपके इस्तेमाल की हुई चादर, तौलिया और अन्य कपड़ों को धोकर धूप में डालें
14 दिन बाद डॉक्टर की सलाह के बाद आप वापस अपने रूटीन में आ सकते हैं और अपने परिवार से मिल सकते हैं। फिर भी ध्यान रखें कि कोविड से रिकवर करने का मतलब यह नहीं कि आप निश्चिंत हो जाएं। मास्क जरूर लगाएं और सावधानी बरतें।
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