गोंडा-महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार ने नई पहल की है । इसके तहत अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं को तीन वृहद परियोजनाओं में समाहित कर संचालित किया जाएगा, जिसमें मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति शामिल होंगे । यह जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने दी ।
उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित सभी मिशन व योजनाओं का कंनर्वजेंस प्रोग्राम है । इसी में मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य तथा मिशन सक्षम आंगनबाड़ी को शामिल किया गया है ।
देश में लगभग 68 फीसद आबादी महिलाओं एवं बच्चों की :
एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 67.70 फीसद आबादी सिर्फ महिलाओं एवं बच्चों की ही है । देश के सतत एवं न्यायसंगत विकास के लिए महिलाओं एवं बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा एवं उनका सशक्तिकरण बेहद जरुरी है । महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एक सुरक्षित माहौल में बच्चों की खुशहाली और सुपोषण सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है । इसके साथ ही महिलाओं को सशक्त करने के लिए सुलभ, सस्ता, विश्वसनीय एवं सभी तरह के भेदभाव एवं हिंसा मुक्त माहौल प्रदान करने के लिए प्रयासरत है । महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य महिला एवं बाल विकास के लिए राज्य सरकार के कार्यों में कमी को दूर करने, महिलाओं का सम्मान व उनकी सुरक्षा तथा उनके अधिकारों का सर्मथन करने एवं उनके कौशल का क्षमतावर्धन कर उनमें आत्मविश्वास भरना है ताकि वह आगे के रास्ते को स्वयं तय कर सकें ।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि देश का संविधान सभी महिलाओं व पुरुषों को स्वतंत्रता और अवसर का समान अधिकार देता है । एक महिला को अपने भाग्य निर्माण में सक्षम बनाने के लिए, सतत चलने वाले तरीकों को पूरे जीवनकाल तक अपनाया जा रहा है जो एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण करता है जिसके माध्यम से प्राकृतिक तौर पर होने वाले भेदभाव और पक्षपात का समाधान किया जा सके ।
मिशन शक्ति से महिलाओं को मिलेगा समान अधिकार :
महिलाओं का सम्मान और उनकी सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है । इसलिए एक समावेशी समाज के निर्माण की जरूरत है, जहां महिलाओं और बालिकाओं को संसाधनों व अवसरों के इस्तेमाल का बराबरी का अधिकार हो ताकि भारत की सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक विकास में भागीदारी देने में महिलाएं सक्षम हों । समावेशी विकास के लिए आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय बदलाव लाने में महिलाओं की मुख्य भूमिका है । इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वर्तमान में चल रही योजनाओं में आवश्यक बदलाव लाना जरूरी है । इसे मिशन शक्ति के तहत प्राप्त किया जा सकता है ।
बच्चों के कल्याण में मिशन वात्सल्य करेगा सहयोग
देश के विकास के लिए बच्चों की खुशहाली बहुत जरूरी है । वह भविष्य में देश के मानव संसाधन के रूप में अपना योगदान देते हैं । सरकार द्वारा उनके पोषण, वितरण और इसकी पहुंच तथा इसके परिणाम को मजबूत करने के लिए सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन प्रोग्राम (पूरक पोषण कार्यक्रम) तथा पोषण अभियान को मिशन पोषण 2.0 के तहत विलय कर दिया गया है । बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नई पहल की है, इन उद्देश्यों को मिशन वात्सल्य सुनिश्चित करता है ।
सभी अम्ब्रेला स्कीम्स के लिए बजट में 24114 करोड़ रूपये आवंटित : वर्ष 2021—22 के केन्द्रीय बजट में इन तीन परियोजनाओं में पूर्व से चल रहीं योजनाओं को शामिल करते हुए राशि का आवंटन किया गया है । सक्षम आंगनबाड़ी तथा पोषण 2.0 परियोजना में आईसीडीएस आंगनबाड़ी सेवा, पोषण अभियान, किशोरियों के लिए योजना व राष्ट्रीय क्रेश योजना को शामिल किया गया है । इसके लिए बजट में 20,105 करोड़ रुपये आंवटित किये गए हैं । मिशन वात्सल्य, बाल सुरक्षा सेवाएं व बाल कल्याण सेवाओं को सम्मिलित करते हुए 900 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है । मिशन शक्ति (महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए मिशन) में — संबल (वन स्टॉप सेंटर, महिला पुलिस वालंटियर , महिला हेल्पलाइन, स्वधर, उज्जवला, विधवा आश्रम) तथा समर्थ — (बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ, पालना घर, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जेंडर बजट, शोध) योजनाओं को शामिल करते हुए 3,109 करोड़ रुपये आंवटित किया गया है । इस तरह तीनों अम्ब्रेला स्कीम्स के लिए वर्ष 2021 — 22 के बजट में 24114 करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं ।
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