राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन आगामी 14 मई को



       गोण्डा - उ ० प्र ० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण , लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश डॉ ० दीपक स्वरूप सक्सेना के आदेशानुसार दिनांक 14.05.2022 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जनपद - न्यायालय गोण्डा एवं समस्त तहसील स्तर पर किया जा रहा है । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव श्री कृष्ण प्रताप सिंह द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में यातायात लघु आपराधिक प्रकरण , नगरपालिका आदि से सम्बन्धित मामलों एवं बैंक मामले धारा 138 पराक्रम लिखत अधिनियम वाद आदि ( लम्बित एवं प्री - लिटिगेशन मामले ) के साथ - साथ आवश्यकतानुरूप सभी सुलह योग्य आपराधिक वादों , सिविल वादों , भूमि अधिग्रहण वादो , मोटर दुर्घटना प्रतिकर मामले पारिवारिक वादों , स्टाम्प वादों , उपभोक्ता फोरम वादों , श्रम मामलों , माध्यस्थम प्रकरणों , नगरपालिका / नगर निगम टैक्स वसूली मामलों आदि को पक्षकारों की सहमति से लिया जा सकता है । 
            इसके अतिरिक्त विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत सुलह योग्य वाद , धारा 446 द ० प्र ० स ० सम्बन्धी मामले , पब्लिक प्रिमिसेज एक्ट सम्बन्धी मामले उत्तराधिकार सम्बन्धी मामले , आयुध अधिनियम के उपयुक्त प्रकरण , बीमा सम्बन्धी वाद , स्थानीय विधियों के अन्तर्गत शमनीय वाद , सेवा / वेतन संबंधी वाद , सेवानिवृत्ति परिलाभों से सम्बन्धित प्रकरण किरायेदारी बाद , वन अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत चालान , मोटरयान अधिनियम के अन्तर्गत चालान , ई - चालान , उत्तर प्रदेश एवं वाणिज्य अधिनियम के अन्तर्गत चालान , चलचित्र अधिनियम के अन्तर्गत आबकारी अधिनियम सम्बन्धी वाद , गैम्बलिंग एक्ट के अन्तर्गत चालान , नगर निगम / नगर पालिका के अन्तर्गत चालान विकास प्राधिकरण के अन्तर्गत चालान मेडबन्दी एवं दाखिल खारिज वाद मोबाइल फोन एवं केबल नेटवर्क सम्बन्धी प्रकरण , प्री - लिटिगेशन प्रकरण , मनरेगा प्रकरण , शिक्षा का अधिकार सम्बन्धी प्रकरण , राशन कार्ड / बी ० पी ० एल ० कार्ड / जाति एवं आय प्रमाण पत्र से सम्बन्धित प्रकरण , एवं अन्य प्रकार के वादों / प्रकरणों का निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर तथा अर्थदण्ड अधिरोपित करके किया जायेगा । 
            समस्त वादकारियों से अपील है कि दिनांक 14.05.2022 को कोविड -19 प्रोटोकाल यथा मास्क , सेनिटाइजर व सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सम्बन्धित न्यायालय / ट्रिब्यूनल में पंहुचकर राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने वादों का निस्तारण कराकर उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में सहयोग करें।

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