शांत है आजादी आंदोलन व कई राष्ट्रीय नेताओ के उद्बोधनों का गवाह घण्टाघर का विशाल मैदान

घण्टाघर का विशाल मैदान व इससे जुड़ी स्मृतियाँ

करनैलगंज/गोण्डा - देश की आज़ादी के कई बड़े आंदोलनों का चश्मदीद, प्रदेश व राष्ट्रीय नेताओ के उद्बोधनों का गवाह, चुनावों में प्रत्याशियों की सभाओं का मुख्य केंद्र, साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमो का एक मात्र स्थल रहा घंटाघर का विशाल मैदान कहा जाने वाला यह स्थान आज एकदम मौन है। 
  घंटाघर के इस विशाल मैदान की गरिमा को चार चाँद लगाने वाली अमरनाथ/सोनू की चाय की दुकान जहाँ एक ओर इसका प्रत्यक्ष साक्षी है वहीं घंटाघर के तमाम संस्मरण भी सँजोये है। 

आजादी आन्दोलन 

आपको बता दें कि आज़ादी आंदोलन में गोंडा की भूमिका " में मैंने पढ़ा था कि गांधी जी 1929 ई में गोंडा आये थे, गोंडा आगमन पर करनैलगंज निवासी जुगुल किशोर भट्ट गोंडा में गांधी जी से मिले थे,गांधी जी के भाषण को सुनने के बाद वो उसी रंग में रंग गये।1931में गांधी जी ने शराब बंदी व  स्वदेशी अपनाने का आवाहन किया था। कांग्रेस के लोग प्रतीकात्मक विदेशी बस्त्रो को जला रहे थे। सब कुछ प्रतीकात्मक ही चल रहा था। जुगुल किशोर जी "पर उपदेश कुशल बहु तेरे" वाली श्रेणी में नही थे।"जे आचारहि ते नर न घनेरे" की उक्ति को सार्थक करने वाले वीर सपूतों में थे। करनैलगंज में इनकी कपड़े की बड़ी दूकान थी इन्होंने अपनी दुकान का सारा विदेशी कपड़ा निकाला और इसी सड़क पर रखकर मिट्टी का तेल छिड़क कर उसमें आग लगाकर जला दिया। उस समय उस कपड़े की कीमत 80,000/ आंकी गयी थी,राष्ट्र प्रेम की इस अनोखी मिशाल का घंटाघर का ये मैदान प्रत्यक्ष गवाह है।
    राजनीति 
मुलायम सिंह यादव
कुँवर मदनमोहन सिंह "कुँवर साहब"धनावा स्टेट (बरगदी कोट) की अध्यक्षता में मुलायम सिंह यादव जो लोकदल के प्रदेश के नेता थे, की इसी मैदान में जनसभा आयोजित थी और कस्बा निवासी हरीश्याम सोनी उस समय लोकदल के नगर अध्यक्ष हुआ करते थे, उस समय मुलायम सिंह यादव जीप से आये थे। घंटाघर पर पहली बार मुलायम सिंह कस्बा वासियों से रूबरू हुए थे।
   लाल कृष्ण आडवानीभाजपा के राष्ट्रीय नेता रहे सत्यदेव सिह गोंडा लोकसभा से चुनाव लड़ रहे थे, उस वक्त भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी भी उनके प्रचार में यहाँ आये थे और इसी घंटाघर पर आडवाणी जी का भाषण लोगों ने पहली बार सुना और उन्हें करीब से देखा था।
   स्व.राजनारायणपूर्व विधायक स्व.भगेलू सिह जी की वजह से प्रख्यात समाजवादी विचारक डा. राम मनोहर लोहिया व स्व. राजनारायण जी के कई उद्बोधनों का घण्टाघर का यह विशाल मैदान चश्मदीद गवाह है। सोसलिस्ट नेता सांसद रामसेवक यादव की तो यहाँ अनेको जनसभायें हुई हैं।
   संजय गांधी के अति करीबी रहे अकबर अहमद डंपी जो कई बार विधायक व सांसद रहे की भी सभा इस मैदान में हुई।
 डॉ. राम मनोहर लोहिया
   जनपद गोंडा का तो शायद ही कोई प्रतिष्ठित नाम बचा हो जिसने घंटाघर पर सभा न किया हो। 
  मनकापुर स्टेट के कुंवर आनंद सिह (अन्नू भैया), फजलुल वारी "बन्ने भाई", दीप नारायण पांडेय, सत्यदेव सिह,बृज भूषण शरण सिंह की अनेको सभाओ का यह घंटाघर गवाह है।
    करनैलगंज के विधान सभा के प्रत्येक चुनाव में सभी दलों के प्रत्याशियों की सभाओ की शुरुवात इसी घंटाघर से होती आयी है। चुनाव प्रचार के समापन की सभाओ का भी यही घंटाघर चश्मदीद हुवा करता था।
   एक दौर था जब राजनैतिक समीक्षक तथा पत्रकार भी चुनाव की नब्ज टटोलने इसी घंटाघर पर अक्सर जुटा करते थे।
 किन्तु आज घण्टाघर का यह विशाल एकदम शान्त सा दिख रहा है।

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