गोण्डा - उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा बालिकाओं व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं तथा नारी सुरक्षा व नारी सम्मान हेतु जागरूक किया जा रहा है लेकिन परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अपने ही विभाग में कार्यरत एक महिला कर्मी को सरेआम बेइज्जत कर उसका मानसिक उत्पीड़न करने की शिकायत कोई सुनने को तैयार नहीं है। यहाँ तक कि मामले में आर एम महोदय मीडिया का फोन उठाने से भी बच रहे हैं। जिसको लेकर गोंडा डिपो में कार्यरत महिला संविदा परिचालक नेहा मिश्रा ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंधक निर्देशक को प्रार्थना पत्र भेजकर अधिकारियों व ढाबा संचालक पर गम्भीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। महिला परिचालिका द्वारा भेजे गये शिकायती प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि 5 नवंबर को बस संख्या यूपी 43 टी 5953 यात्रियों को लखनऊ से लेकर बाराबंकी रामनगर के मध्य स्थित शुक्ला यात्री प्लाजा पर रुकी। जहां खाद पदार्थ की गुणवत्ता को लेकर यात्री शिकायत में हंगामा करने लगे इधर घटिया सामग्री को लेकर यात्री मुझ पर खराब ढाबे पर गाड़ी रोकने का आरोप लगा रहे थे तो मैंने कहा कि या ऊपर का आदेश है और मैं वहां से गाड़ी लेकर जाने लगी तो ढाबा संचालक टोकन नहीं दे रहा थे मांगने पर मुझे काफी अश्लील शब्द का प्रयोग करते हुए धमकी देने लगे तथा मेरी शिकायत अधिकारियों से कर दी कुछ देर बाद जब मैं गाड़ी लेकर आगे बढ़ी तो वहां आगे आकर टीआई ने मुझे डांटना शुरू कर दिया तथा आरएम के कहने पर वेबिल ली तथा आरएम ने भी वहाँ सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। घटना के दो दिन बीतने के बाद भी मामले में अब तक कोई कार्यवाही न होने से सरकार के महिला अपराध व महिला सुरक्षा के दावे की हवा निकल गयी है।
उधर मामले में विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की दबंगई ,धमकी तथा दुर्व्यवहार से डरी सहमी महिला नेहा मिश्रा ने एमडी परिवहन को शिकायती पत्र भेजकर अपनी जान माल की सुरक्षा के साथ ही न्याय की गुहार लगाई है।
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