गोंडा - देश को टीबी से मुक्त करने हेतु चल रहे अभियान “टीबी हारेगा - देश जीतेगा“ के क्रम में शासन के निर्देश पर जनपद में 02 सितम्बर 2021 से 31 अक्टूबर 2021 तक चार चरणों में अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें प्रथम चरण में अनाथालय, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, कारागार, वृद्वाश्रम व मदरसा इत्यादि में सक्रिय टीबी रोगी खोजी अभियान चलाया गया ।
द्वितीय चरण में शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्ती तथा तृतीय चरण में सब्जी मण्डी, फल मण्डी, लेबर मार्केट निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईंट-भटटा, स्टोन केशर खदाने और साप्ताहिक बाजार में चलाया गया ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ मलिक आलमगीर ने बताया कि प्रथम चरण के एक्टिव केस फाइडिंग में कुल 134 जगहों पर अभियान चलाया गया, जिसमें 1630 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गयी एवं 32 जाॅच हुयी, जिसमें 02 मरीज निकल कर आये ।
इसी क्रम में द्वितीय चरण में कुल 297 व्यक्तियो की जाॅच हुयी एवं 61 मरीज मिले । तृतीय चरण के तहत सोमवार 21 सितंबर 2021 तक कुल 1052 व्यक्तियों की स्कीनिंग की गई है, जिसमें 41 टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति मिले, इन सबकी जाॅच हुयी, तो उसमें से कुल 7 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है ।
बताते चलें कि दो माह तक चलने वाले एसीएफ (एक्टिव केस फाइंडिंग) कार्यक्रम का चतुर्थ चरण 01 अक्टूबर से आरम्भ होगा तथा 31 अक्टूबर तक चलेगा,जिसमें मुख्यतः जनपद के निजी चिकित्सकों से सम्पर्क कर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीज खोजे जाने हैं तथा निःक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत 01 सितम्बर से पंजीकृत समस्त क्षय रोगियो का डीबीटी कराया जायेगा, जिसके लिये ब्लॉक एवं शहरी स्तर पर कुल 20 टीमें बनायी गयी हैं ।
इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग उ0प्र0 के पत्र के अनुपालन में समस्त 16 ब्लॉकों के नवनिर्वाचित प्रधानों को विकास खण्ड स्तर पर टीबी रोग उन्मूलन कार्यक्रम पर एक दिवसीय अनावासीय परिचयात्मक प्रशिक्षण प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है । ग्राम प्रधानों के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक सरन , डीपीटीसी अरविन्द मिश्रा, जिला पीपीएम कोआर्डिनेटर अरविन्द रल्हन तथा राजेश कुमार श्रीवास्तव वरिष्ठ क्षय रोग पर्यवेक्षक की डयूटी लगायी गयी है। इस प्रशिक्षण में टीबी के लक्षणों के अलावा सरकार द्वारा टीबी मरीजों को दी जा रही निःशुल्क सेवाओं, क्षय रोग के सम्पूर्ण इलाज के दौरान 5 सौ रुपए प्रतिमाह पोषण हेतु मिलने वाली धनराशि तथा इन्फोरमेन्ट इन्सेनटिव की धनराशि रुपया 5 सौ प्रति मरीज के बारे में जानकारी दी जा रही है । टीबी रोगी के प्रथम सचना प्रदानकर्ता के बारे में भी ग्राम प्रधानों को बताया जा रहा है । अभी तक तीन ब्लाकों क्रमशः बभनजोत, बेलसर तथा छपिया में प्रशिक्षण कराया जा चुका है।
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