खाद्यान्न वितरण को लेकर डीएम का कड़ा आदेश,कालाबाजारी पर होगी कठोर कार्यवाही

गोण्डा - जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत द्वितीय वितरण चक्र में 30 सितम्बर तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी लाभार्थियों को आवंटित नियमित खाद्यान्न के वितरण हेतु सख्त निर्देश निर्गत किए हैं तथा आवश्यक वस्तुओं का वितरण निर्बाध रूप से सुनिश्चित कराने एवं कालाबाजारी रोकने हेतु समस्त उचित दर विक्रेताओं की दुकानों पर नोडल अधिकारियों की तैनाती कर दी है।
        जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया है कि 30 सितम्बर तक सम्पन्न होने वाले वितरण के दौरान अन्त्योदय कार्ड धारकों को 35 कि0ग्रा0 खाद्यान्न (20 किलोग्राम गेहूँ व 15 किलोग्राम चावल) तथा पात्र गृहस्थी राशन कार्डो से सम्बद्ध यूनिटों पर प्रति यूनिट 05 किलोग्राम खाद्यान्न (तीन किलोग्राम गेहूँ व दो किलोग्राम चावल) का वितरण लाभार्थियों में सुनिश्चित कराया जाय तथा गेंहॅू का वितरण मूल्य दो रूपए प्रति किलोग्राम तथा चावल का वितरण मूल्य तीन रूपए प्रति किलोग्राम होगा।
   उन्होंने बताया कि राशन कार्डधारकों को पोर्टेबिलिटी के अन्तर्गत खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा अनुमन्य रहेगी। वितरण के द्वितीय चक्र के दौरान अंत्योदय श्रेणी के लाभार्थियों को माह जुलाई 2021 से सितम्बर 2021 हेतु प्रतिमाह एक किलोग्राम प्रति कार्डधारक की दर से कुल तीन किलोग्राम प्रति कार्डधारक चीनी का वितरण सुनिश्चित किया जायेगा। अंत्योदय कार्डधारकों को चीनी का वितरण मूल्य अट्ठारह रुपए प्रति किलोग्राम की दर से सुनिश्चित किया जायेगा। योजनान्तर्गत वितरण की अन्तिम तिथि 30 सितम्बर होगी, जिस दिन आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त न कर सकने वाले उपभोक्ताओं हेतु मोबाइल ओ0टी0पी0 वेरिफिकेशन के माध्यम से वितरण सम्पन्न किया जा सकेगा।
 उन्होंने निर्देशित किया है कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के दृष्टिगत, आवश्यक वस्तुओं का निर्बाध रूप से वितरण सुनिश्चित कराने हेतु उचित दर विक्रेताओं द्वारा द्वितीय वितरण चक्र के दौरान भी खाद्यान्न का वितरण कार्य प्रातः काल 06.00 बजे से रात्रि 09.00 बजे तक सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने वितरण के सम्बन्ध में निर्देशित किया है कि यदि कहीं भी कोटेदार द्वारा निर्धारित यूनिट से कम राशन दिए जाने की शिकायत प्रमाणित होती है तो सम्बन्धित कोटेदार के साथ-साथ पर्यवेक्षणीय अधिकारी के विरूद्ध भी कार्यवाही सुनिश्चित होगी।

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