करनैलगंज/ गोंडा - अधिवक्ताओं व स्थानीय प्रशासन के बीच चल रहा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है बल्कि दोनो पक्षों में तल्खी लगातार बढ़ती नजर आ रही है। बुधवार को एसडीएम की तरफ से वार्ता हेतु जारी बुलावा पत्र को अधिवक्ताओं ने स्वीकार करते हुये वार्ता करने से मना कर दिया,तो वहीं एसडीएम हीरालाल ने भी कड़ा रुख अखितयार करतर हुये कहा कि अधिवक्ताओं की गैरकानूनी माँगे कतई नहीं मानी जायेंगीं। बता दें कि तहसीलदार की कार्यशैली से क्षुब्ध अधिवक्ताओं ने बुधवार को संघ के अध्यक्ष संजय मिश्रा व मंत्री सूर्यकांत तिवारी की अगुवाई में गोंडा - लखनऊ हाइवे पर प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की मौके की नजाकत को देखते हुये भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सीओ मुन्ना उपाध्याय,कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह,थानाध्यक्ष परसपुर राजनाथ सिंह स्थिति को संभालने में जुटे रहे तथा अधिवक्ताओं को समझाने की कोशिश करते रहे। इसी बीच उपजिलाधिकारी हीरा ने अधिवक्ताओ का ज्ञापन लेकर मामला शान्त कराया। लेकिन अधिवक्ता अभी भी अपनी मांग पर अडिग हैं।अधिकताओ का कहना है कि तहसीलदार का स्थानांतरण की मांग को लेकर गुरुवार से क्रमिक धरना तहसीलदार न्यायालय के समक्ष शुरू किया जायेगा। उधर उप जिलाधकारी द्वारा जारी पत्र को अस्वीकार करते हुए अधिवक्ताओं ने वार्ता करने से मना कर दिया,तो एसडीएम हीरालाल ने भी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि अधिवक्ताओं की गैर कानूनी मांगों को कतई नहीं माना जायेगा। उन्होंने बताया कि तहसीलदार अभी कुछ दिन पूर्व में स्थानांतरित होकर यहाँ आये हैं और दाखिल खारिज संबंधी पत्रावलियों की गहन जांच कर निस्तारित कर रहे हैं जिसे अधिवक्ता अपने मनमाने ढंग से करवाना चाहते हैं जो कि कतई न्यायोचित नहीं है। उन्हें जब वार्ता के लिये बुलाया जाता है तो वह वार्ता करने के बजाय आक्रोशित होकर आन्दोलन करते हैं।
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