करनैलगंज/गोंडा)- तहसीलदार के विरुद्ध तहसील के अधिवक्ता लामबंद हो गए हैं। मंगलवार को करनैलगंज संघ भवन में अधिवक्ताओं की बैठक आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष सजंय मिश्रा व संचालन सुरेंद्र कुमार द्विवेदी ने किया। बैठक को सम्बोधित करते हुये त्रिलोकीनाथ तिवारी ने कहा कि तहसीलदार की मनमानी पूर्ण रवैये से तहसील के सभी अधिवक्ता आहत हैं। आंदोलन की चेतावनी के बाद भी उन्होंने कोई सुधार नही हुआ। जिससे तहसील में तालाबन्दी करके प्रदर्शन व नारेबाजी करने, बुधवार को तालाबन्दी के साथ गोंडा लखनऊ मार्ग जाम करने व गुरुवार से तहसीलदार के न्यायालय के सामने क्रमिक अनशन करने का निर्णय लिया गया था। जिसका संज्ञान लेकर एसडीएम ने वार्ता के लिये संघ को आमंत्रित किया था। मगर अधिवक्ताओं के सम्मान को दरकिनार करके वार्ता से पूर्व ही तहसील को छावनी में तब्दील करा दिया। जिस पर पूर्व पारित प्रस्ताव के हिसाब से आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। मंत्री सूर्यकांत तिवारी उर्फ वेद, हृदयनरायन मिश्रा, प्रतापबली सिंह, रामबाबू पांडेय, बाबादीन मिश्रा आदि मौजूद रहे।
करनैलगंज(गोंडा)। पुलिस के लिये एसडीएम का आदेश भी कोई मायने नही रखता। रास्ते की भूमि पर निर्माण रोकने के बावजूद भी अवैध निर्माण जारी है। मामला थाना परसपुर अंतर्गत ग्राम भौरीगंज पूरब तकिया से जुड़ा है। यहां की निवासी गुड़िया के प्रार्थना पत्र पर 7 सितंबर को उप जिलाधिकारी ने रास्ते की भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण को रोकने का निर्देश थानाध्यक्ष परसपुर को दिया था। जिस पर दो दिन कार्य बंद था। पीड़ित गुड़िया देवी ने बताया कि सोमवार को पुलिस ने थाने पर बुलाकर कहा कि एसडीएम के आदेश का अनुपालन हो गया। अब मंगलवार से निर्माण कार्य प्रारम्भ होगा उसे रोकने की गल्ती मत करना। और सुबह से रास्ते की भूमि पर निर्माण कार्य शुरू करा दिया है। उप जिला मजिस्ट्रेट हीरालाल ने बताया कि मामला संज्ञान में है। धारा 133 सीआरपीसी के तहत गुड़िया द्वारा वाद प्रस्तुत किया गया है। जिस पर आख्या न आने तक कोई भी कार्य करने से रोकने का निर्देश दिया गया है। थानाध्यक्ष परसपुर राजनाथ सिंह ने बताया कि पीड़िता को हमारे पास भेज दीजिये। सुनने के बाद बिचार करूंगा।
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