मिशन शक्ति तृतीय चरण,किशोरियों में एनीमिया की जांच व उपचार हेतु एससीपीएम कॉलेज की ओर से लगा शिविर

गोण्डा - जिले में मिशन शक्ति का तृतीय चरण चलाया जा रहा है | इसके तहत महिलाओं एवं किशोरियों को सशक्त एवं संबल बनाने हेतु विभिन्न कार्यक्रम किये जा रहे हैं | इसी क्रम में एससीपीएम कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग ऐंड पैरामेडिकल साइंसेज की ओर से बुधवार को परसपुर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय, श्री सुरेंद्र सिंह मिझौरा गोविंद पुरवा में किशोरियों में एनीमिया की पहचान करने हेतु स्वास्थ्य जाँच एवं परामर्श शिविर लगाया गया | शिविर में एससीपीएम ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ आयुष पाण्डेय द्वारा 110 किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण व हीमोग्लोबिन स्तर की जाँच की गयी तथा आयरन-फोलिक एसिड गोली व सीरप का वितरण किया गया | 
एससीपीएम ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ आयुष पाण्डेय ने बताया कि महिला स्वास्थ्य को लेकर जन जागरुकता बढ़ाने, महिलाओं को खून की कमी और उससे होने वाली बीमारियों से निजात दिलाने के लिये के उद्देश्य से ही इस शिविर का आयोजन किया गया | उन्होंने कहा कि आयरन – फोलिक एसिड गोलिक के नियमित सेवन से किशोर-किशोरियां एनीमिया के प्रभाव से बच सकते हैं | 
डॉ आयुष ने कहा कि एनीमिया शरीर में खून की कमी के कारण उत्पन्न होती है तथा हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है, जो शरीर में खून की मात्रा को बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तथा महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना चाहिए। किशोरावस्था में एनीमिया सबसे अधिक होती है। एनीमिया एक गंभीर बीमारी है, इसके कारण महिलाओं को और भी कई बीमारियां होने की संभावना और बढ़ जाती है। त्वचा का सफेद दिखना, जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट महसूस होना, चक्कर आना- विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने के दौरान, बेहोश होना, सांस फूलना तथा हृदय गति का तेज होना एनीमिया के प्रमुख लक्षण हैं | एनीमिया में चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई देने लगता है | एनीमिया होने का प्रमुख कारण लौह तत्व वाली चीजों का उचित मात्रा में सेवन न करने से होता है, जिसके उपचार एवं रोकथाम हेतु बताया गया कि अगर एनीमिया मलेरिया या परजीवी कीड़ों के कारण है, तो पहले उनका इलाज करें। लौह तत्वयुक्त चीजों का सेवन करें। विटामिन ‘‘ए’’ एवं ‘‘सी’’ युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
इस दौरान कॉलेज के नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की छात्राओं ने गांवों में घर-घर जाकर महिलाओं और किशोरियों को एनीमिया की रोकथाम और बचाव के बारे में जानकारी दी | उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी लड़कियों को नियमित रूप से 100 दिन तक लौह तत्व व फ़ोलिक एसिड की 1 गोली रोज रात को खाने खाने के बाद लेनी चाहिए। महिलाओं को जल्दी-जल्दी गर्भधारण से बचना चाहिए। भोजन के बाद चाय के सेवन से बचें, क्योंकि चाय भोजन से मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों को नष्ट करती है। संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छ पेयजल ही इस्तेमाल करें, स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करें।
इस मौके पर एससीपीएम ग्रुप के चेयरमैन डॉ ओएन पाण्डेय ने कहा कि किशोरावस्था वह काल है जब संवेगों की प्रबलता के चलते सब कुछ नया नया-सा प्रतीत होता है | इस अवस्था में किशोर-किशोरियों में अनेक शारीरिक व मानसिक परिवर्तन होते हैं, ऐसे में उन्हें उत्तम स्वास्थ्य, सही पोषण व पर्याप्त देखभाल की आवश्यकता होती है | एससीपीएम ग्रुप की प्रेसिडेंट अल्का पाण्डेय ने कहा कि मिशन शक्ति के तहत कॉलेज स्टाफ व छात्र-छात्राओं द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व सुरक्षा के लिए गाँव-गाँव जागरूक किया जा रहा है | कॉलेज के निदेशक अजिताभ दूबे ने बताया कि महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा देने व उनकी सुरक्षा के लिए कॉलेज की ओर से विभिन्न प्रकार के जन जागरुकता आधारित कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं | मिशन शक्ति के तहत गांव-गांव कैंप लगाकर जागरूक किया जा रहा है | वहीं एडमिनिस्ट्रेटर धीरज कुमार दूबे ने मिशन शक्ति के अंतर्गत समाज को मजबूत करने और सही दिशा में ले जाने का संकल्प लेने के साथ आमजन से महिलाओं के प्रति सम्मान व सुरक्षा भाव का आह्वान किया | शिविर में वाइस प्रिंसिपल स्मिथा फिलिप, प्रोफेसर के. महेश्वरी, प्रोफेसर जया वनीथा, सीनियर लेक्चरर सोनम तिवारी, लेक्चरर पारुल यादव, असिस्टेंट प्रोफेसर शंकर प्रधान व असिस्टेंट प्रोफेसर पग्लानी नागराजू समेत कॉलेज के कर्मचारी व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे |

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