गोण्डा - जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने जनपद में विद्युत आपूति के सम्बन्ध में बताया है कि देवीपाटन मण्डल की पीक विद्युत मांग लगभग 500 मेगावॉट है। पूर्व में सम्पूर्ण देवीपाटन मण्डल की विद्युत आपूर्ति, 220 केवी गोण्डा-सोहावल लाईन, 220 केवी गोण्डा-सोहावल लाईन एवं आईपीपी उतरौला व कुन्दरखी से की जा रही थी। विगत 12 अगस्त को 220 केवी सोहावल 400 केवी पीजीआईएल-220 केवी गोण्डा/बहराईच डबल सर्किट लाइन के टावर लोकेशन संख्या 33 एवं 34 के घाघरा-सरयू नदी के कटान में आ जाने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था एवं लाईन ब्रेक डाउन में आ गयी। इसी प्रकार 220 केवी सोहावल 400 केवी पीजीसीआईएल-220 केवी गोण्डा/बहराईच डबल सर्किट लाईन के ब्रेक डाउन होने के उपरान्त देवीपाटन मण्डल की पीक विद्युत मांग की पूर्ति हेतु 220 केवी उपकेन्द्र सोहावल तथा आईपीपी उतरौला एंव कुन्दरखी को पूर्ण क्षमता पर चलवाकर की जा रही थी व पीक समय में रोटेशन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की विद्युत कटौती शाम 07 बजे से सुबह 05 बजे तक हो रही थी और उनको कुल आपूर्ति 18 घंटे दी जा रही थी।
परन्तु विगत दिनों हुई भारी वर्षा से आईपीपी कुन्दरखी एंव उतरौला पर उपलब्ध कोयला भीग जाने के कारण दोनों आईपीपी क्रमशः उतरौला एवं कुन्दरखी अपनी पूर्ण क्षमता पर विद्युत का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। इसके साथ ही साथ दोनो आईपीपी पर वर्षा के कारण कोयले की उपलब्धता में भी कमी आयी है, जिससे विगत 24 सितम्बर को आईपीपी उतरौला से उत्पादन बन्द हो गया है व आईपीपी कुन्दरखी से भी मात्र 22 मेगावॉट का उत्पादन हो पा रहा है, जिसके कारण देवीपाटन मण्डल में एक ही 220 केवी सोहावल लाईन होने के कारण विद्युत उपलब्धता में पीक कमी 200 मेगावॉट हो गयी है एवं ग्रामीण क्षेत्र की आपूर्ति विपरीत रूप से प्रभावित हो गयी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि गोण्डा मण्डल हेतु वैकल्पिक विद्युत आपूर्ति 400 केवी उपकेंद्र बस्ती से किया जाना निर्णित हुआ है तथा उक्त उपकेन्द्र पर आवश्यक कार्य युद्ध गति से कराये जा रहे हैं, जिनका अनुश्रवण प्रबन्ध निदेशक (पा0) के स्तर से निरंतर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरी सम्भावना है कि उक्त कार्य आगामी 20 अक्टूबर तक पूर्ण हो जायेगा तथा गोण्डा मण्डल की विद्युत आपूर्ति पूर्व की भाँति सामान्य हो जायेगी।
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