गोण्डा - विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई इस बार रविवार को पड़ने के कारण, इस दिवस के अवसर जिले में आयोजित की जाने वाली गतिविधियां सोमवार 12 जुलाई को जिले के सम्पूर्णानंद प्रेक्षा गृह (टाउन हॉल) में की गयीं, जहाँ “जनसंख्या स्थिरता : भारत की आवश्यकता” एवं प्रदेश सरकार की नई जनसंख्या नीति पर संगोष्ठी एवं परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरएस केसरी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस बार विश्व जनसंख्या दिवस “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी ज़िम्मेदारी” की थीम पर मनाया जा रहा है, इसका उद्देश्य तेजी से बढ़ती हुयी आबादी में स्थिरीकरण लाने के साथ ही प्रजनन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य स्तर को बेहतर बनाना है।
सकल प्रजनन दर को कम करने पर ही जनसंख्या होगी स्थिर –
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एपी सिंह ने जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्य के बारे में बताते हुये कहा कि सरकार का लक्ष्य वर्तमान में प्रदेश के सकल प्रजनन दर 2.7 को घटाकर को 2026 तक 2.1 तथा 2030 तक 1.9 तक लाना है ।
गौरतलब हो कि एनएफ़एचएस 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार, गोंडा जनपद की सकल प्रजनन दर 4.9 है
पखवाड़े में दी जाएंगी परिवार नियोजन की सेवाएँ –
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज ने बताया कि परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों की जानकारी व सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए 11 जुलाई से 31 जुलाई 2021 तक जनपद के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा, जिसमें परिवार नियोजन की सभी स्थायी व अस्थायी साधनों के उपयोगिता एवं महत्व के बारे में लोगों को खासकर नव दम्पत्तियों को जानकारी दी जाएगी और सेवाओं का लाभ लेने के लिए काउंसलिंग के माध्यम से लोगों को प्रेरित भी किया जाएगा । सकल प्रजनन दर पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीसीपीएम डॉ आरपी सिंह ने बताया कि आमतौर पर महिलाओं की प्रजनन आयु 15 से 49 वर्ष मानी जाती है । इस अवधि में प्रति 1000 महिलाओं पर जीवित जन्मे बच्चों की औसत संख्या, सकल प्रजनन दर के बराबर होती है ।
परिवार नियोजन के सभी साधन हैं निःशुल्क –
डॉ टीपी जायसवाल ने बताया कि जनपद में प्रत्येक माह 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाता है । इस दिवस पर दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए अंतरा इंजेक्शन के अलावा परिवार नियोजन के दूसरे आधुनिक साधन निःशुल्क उपलब्ध कराये जाते हैं । ममता संस्था से कार्यक्रम प्रबंधक अखिलेश शुक्ला ने कहा कि महिलाओं के साथ पुरुषों को भी आगे आकर जनसंख्या स्थिरीकरण में सहयोग देना होगा, तभी हम स्वस्थ समाज व समृद्ध राष्ट्र की परिकल्पना कर सकते हैं | 1989 में जनसंख्या स्थिरता हेतु विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को पहली बार मनाया गया था, जिसका उद्देश्य परिवार को सीमित करने के लिए आम जनमानस को जागरुक करना था | 40 वर्षों में प्रदेश की जनसंख्या चार गुना बढ़कर 23 करोड़ से ऊपर हो गयी है, जिसको नियंत्रित करना बहुत जरूरी है | सरकार की नई जनसंख्या नीति जनसंख्या स्थिरीकरण में बहुत ही हितकारी होगी । कार्यक्रम में विभाग की सहयोगी संस्था साज फाउंडेशन की ओर से परिवार नियोजन के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले जिले के अधिकारी, महिला चिकित्सक व अन्य कर्मचारियों समेत चयनित आशा व आशा संगनी को सम्मानित किया गया | इस मौके पर समस्त सीएचसी अधीक्षक, डीपीएम अमरनाथ, एफपीएलएमडी सलाहुद्दीन लारी, आरकेएसके के समन्वयक रंजीत सिंह, डीईआईसी मैनेजर उमाशंकर वर्मा, आरएनटीईपी समन्वयक विवेक सरन, मैटरनल हेल्थ काउंसलर डॉ आमिर खान, बीपीएम करिश्मा सिंह, अर्श काउंसलर विवेक सिंह, प्रीतेश त्रिवेदी, विनोद वर्मा समेत अन्य लोग उपस्थित रहे ।
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