गोण्डा - उत्तर प्रदेश जनसंख्या विधेयक में दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदन जमा करने से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने तक रोक लगाने की सिफारिश की गई है। सब कुछ ठीक रहा तो यह जल्द ही प्रदेश में उत्तर प्रदेश जनसंख्या विधेयक 2021 लागू हो जाएगा। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राधेश्याम केसरी ने कही। डा. केसरी गुरूवार को परिवार कल्याण सेवाओं पर किये जाने वाले प्रयासों, स्वास्थ्य सेवाओं औरर एनएचएम के अंतर्गत संचालित योजनाओं पर आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
सेंटर फॉर एड्वोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग ने यूपी जनसंख्या विधेयक 2021 ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमे यूपी जनसंख्या नियंत्रण पर कानूनी उपाय सुझाए गए है। इस ड्राफ्ट के अनुसार दो से अधिक बच्चो के होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन एवं प्रमोशन पर रोक रहेगी। दो से अधिक बच्चों के होने पर निकाय चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी। दो से अधिक बच्चो के होने पर 77 सरकारी योजनाओ व अनुदान से वंचित रखने का प्रवाधान भी किया गया है। वहीं सरकारी कर्मचारी यदि नसबन्दी करवाते हैं तो उन्हे प्रमोशन, इक्रीमेंट, पीएफ में कर्मचारी की सहभागिता बढ़ाने जैसे कई सुविधाओ की बात की गई है। दो बच्चों के दम्पत्ति अगर सरकारी नौकरी में नहीं है तो उन्हे बिजली, पानी, हाउस टैक्स, होम लोन सहित कई योजनाओं में छूट देने का प्रावधान है। एक सन्तान पर खुद से नसबन्दी कराने वाले अभिभावकों को 20 साल तक निःशुल्क इलाज, शिक्षा, बीमा, शिक्षण संस्थाओ तथा सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश की गई है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ए.पी. सिंह ने कहा कि विवाह के बाद समाज में पहली ईकाई गर्भधारण बनती है। युवा जब अपने पैरों पर खड़ा हो जाए तब उसकी शादी हो और शादी के दो साल बाद पहला व तीन साल बाद दूसरे बच्चे के लिए प्लान करें। उन्होने कहा कि समाज की जिम्मेदारी है नौ माह तक गर्भवती महिला की देखभाल की जाए, इस दौरान कम से कम 4 बार महिला की चिकित्सक के द्वारा जांच कराई जाए। इससे गर्भावस्था के दौरान होने वाली किसी भी प्रकार की परेशानी का पता लगने पर सही समय पर इलाज हो सके। उन्होने कहा कि गर्भवस्था के दौरान ह्यूमोग्लोबिन, खून की कमी से कई महिलाओं की मौत हो जाती है। आयरन फ्लोरिक एसिड की गोली से हम महिलाओं में खून की कमी दूर कर सकते हैं।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ राघवेन्द्र ने परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने नसबंदी के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरूष नसबंदी आसान और सुरक्षित है। इसके लिए महिलाओं के साथ पुरूषों को भी जागरूक होना चाहिए।
डब्लूएचओ के एसएमओ डा. विनय डांगे ने नियमित टीकाकरण की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 750 टीकाकरण सत्र चल रहे है। इसके माध्यम से जन्म से लेकर 16 साल तक के किशोरों व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होने कहा कि हम कितने भी व्यस्त हो लेकिन गम्भीर बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी है।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज कुमार ने कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर बताया कि जिले में 05 एक्टिव केस है, 5 हजार टेस्ट प्रतिदिन किये जा रहे है जबकि जिले का लक्ष्य मात्र 19 सौ है। कोविड प्रभावित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले 25 लोगों की जांच की जा रही है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जिले में 04 आक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे है। जिला अस्पताल में 50 बेड का पीकू वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा 04 सीएचसी में 10-10 बेड का वार्ड तैयार कर पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गई है। उन्होने कहा की तीसरी लहर से लड़ने के लिए जिला प्रशासन तैयार है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. मलिक आलमगीर ने बताया कि जिले में टीबी मरीजों को दवाओं के साथ निश्क्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से 500 रूपये खाते में दिये जा रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन डीसीपीएम डॉ आर.पी. सिंह ने किया। कार्यशाला में सीफार स्टेट प्रोजेक्ट आफिसर फिरोज हैदर, रीजनल कोआर्डिनेटर सुशील कुमार वर्मा, डीपीएम अमरनाथ, रंजीत सिंह, उमाशंकर वर्मा, अखिलेश शुक्ला, संदीप महरोत्रा आदि मौजूद रहे।
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