करनैलगंज गोण्डा (रमेश पाण्डेय)। सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही हो किंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जी हां हम बात कर रहे हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करनैलगंज की, यहां के मरीज मूलभूत सुविधाओं से भी वांछित है। सीएचसी में शुरू की गई डिजिटल एक्स-रे सेवा धन के अभाव में पिछले चार महीनों से बंद पड़ी है। लाखों की लागत से लगी मशीनें धूल फांक रही हैं। सीएचसी में ही एक्स-रे हो जाने से मरीजों को नि:शुल्क जांच की सुविधा मिल रही थी, वहीं चिकित्सकों को इलाज करने में सहूलियत भी मिलती थी। चार महीने से एक्स-रे के लिए मरीजों को बाहर से जांच कराने में 300 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं, कई गरीब मरीज हैं जो निजी केंद्रों पर जांच कराने में सक्षम नहीं रहते।
. मरीजों की सुविधाओं को देखते हुए एक निजी पैैथोलॉजी संस्था के माध्यम से डिजिटल एक्स- रे की सुविधा शुरू हुई थी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से धनराशि न दिए जाने पर संस्था ने मार्च से ही एक्स- रे का संचालन बंद कर दिया है। इसके बाद से मशीनें जस की तस सीएचसी में खड़ी हैं। उनका उपयोग नहीं हो रहा है और मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ रही है।
डीएम साहब लगातार अस्पतालों का निरीक्षण कर रहें है, कोरोना योद्धा स्वास्थ्य कर्मियों की कमियों पर फटकार लगा रहे हैं, किंतु इन मूलभूत सुविधाओं पर उनकी भी नजरें इनायत नहीं हो रही हैं।
सीएचसी अधीक्षक सुरेश चन्द्रा ने बताया इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।