गोंडा -
कोरोना काल में सभी को सतर्कता बरतनी जरूरी है, लेकिन टीबी (क्षय रोग) के रोगियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। विशेषकर उन मरीजों को जो पहले से फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को अपना शिकार बना रहा है इसलिए टीबी मरीजों में संक्रमण का खतरा अन्य मरीजों से कई गुना ज्यादा होता है। जरूरी है कि मरीज बहुत आवश्यक हो, तभी घर से बाहर निकलें। मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करें। किसी भी संक्रमण को रोकने के लिए मास्क का उपयोग जरूरी होता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ मलिक आलमगीर ने बताया कि जिले में 1 जनवरी 2021 से 15 जून 2021 तक 2138 टीबी रोग के मरीज पाए गए हैं, जिनका उनके नजदीकी डॉट्स केंद्र के माध्यम से इलाज चल रहा है। टीबी के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कम होती है, इसलिए ऐसे समय मे टीबी मरीज घर से बाहर न निकलें और जब निकलें तो हमेशा मास्क पहने रहें ।
टीबी मरीजों की हो रही जांच :
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी मरीजों की अनिवार्य रूप से कोविड-19 की जांच की जा रही है। क्षय रोग विभाग जिले में पूरी तत्परता से टीबी मरीजों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहा है।
टीबी और कोरोना से बचाव करेगा मास्क :
क्षय रोग विभाग के चेस्ट फिजीशियन डॉ एके उपाध्याय के अनुसार, खांसने और छींकने के दौरान संदिग्ध मरीज के संपर्क में आने से लोगों में टीबी और कोरोना के फैलने का खतरा अधिक है । इसलिए अगर मास्क लगाते हैं, तो वह दोनों से हमारी रक्षा करता है।
ऐसे पहनें मास्क :
-मास्क इस तरह पहनें कि नाक और मुंह ढका रहे।
-मास्क को इस्तेमाल करने के बाद बाहर की तरफ से न छुएं ।
-सर्जिकल मास्क एक बार से ज्यादा प्रयोग ना करें।
-कपड़े के मास्क को अच्छी तरह धोने के बाद ही इस्तेमाल करें।
-मास्क को कभी उल्टा इस्तेमाल न करें।
Tags
Gonda