गोशालाओं में गोवंशो कोेे धूप एवं बारिश से बचाव हेतु पर्याप्त व्यवस्था-अपर निदेशक पशु पालन विभाग

 गोण्डा- देवीपाटन मण्डल, गोण्डा के समस्त जनपदो में समस्त गो-आश्रय स्थलों की संख्या 236 में कुल 21755 गोवंश संरक्षित हैं। वर्तमान में कुल 230 भूसा बैंक स्थापित हैं। जिनमें लगभग 9015 कु0 भूसा भण्डारित है। गोशालाओ मे गोवंशो कोेे धूप एवं बारिश से बचाव हेतु पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। जिन गोशालाओं के पास अपनी जमीन उपलब्ध है वहां गोवंशो के लिये हरा चारा भी उगाया जा रहा है। प्रत्येक गोशाला में गोवंशो के लिये स्वच्छ पानी पिलाने की व्यवस्था है। मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा सहभागिता योजना अन्तर्गत मण्डल के लक्ष्य 3850 के सापेक्ष 3541 गोवंश पशुपालकों को सुपुर्द किये गये है।

 सभी जनपदो में पशुचिकित्साधिकारियों की डयूटी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 में लगायी गयी थी उस समय भी पशुपालन विभाग के अधिकारियों /कर्मचारियों द्वारा गोवंशों की संचालन व्यवस्था का ध्यान रखा गया। पिछले दिनों लगातार होने वाली बारिश के दौरान पशुचिकित्साधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र की गोशालाओं का भ्रमण करते हुए लगातार पर्यवेक्षण किया एवं कीचड़ व जल भराव की सम्भावना के कारण सम्भावित गोवंशों की हानि को रोका। वर्तमान में कोविड-19 बीमारी के दौरान भी पशु चिकित्साधिकारी कोविड की डयूटी करने के साथ-साथ गोवंशों की भी देख-भाल में निश्ठापूर्वक संलग्न हैं।

जनपद गोण्डा में वृहद-गो-संरक्षण केन्द्र बिरवाबभनी एवं अस्थाई गो-आश्रय स्थल दुर्जनपुर क्रमशः एन0जी0ओ0 व स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित किये जा रहे हैं जिससे इनमें अपेक्षित सुधार हुआ है। दुर्जनपुर अस्थाई गो-आश्रय स्थल को स्वयं सहायता समूह को दिये जाने के बाद इसमें गुणात्मक सुधार दिखाई दे रहा है। जनपद की बेलसर वि0ख0 की समस्त गोशालाएं बहुत अच्छी तरह से व्यवस्थित एवं संचालित हैं इनमें से बदलेपुर की गोशाला मण्डल में सबसे अच्छी तरह से संचालित हो रही है जिसे हम आदर्श गोशाला कह सकते हैं।

जनपद बलरामपुर में 03 कान्हा गोशालाओं का निर्माण कार्य जारी है जिनकी प्रत्येक की क्षमता 500 गोवंशों को संरक्षित करने की है जिनका निर्माण शीघ्र पूर्ण होने की सम्भावना हैं। इसी तरह एक वृहद गो-संरक्षण केन्द्र भी पूर्ण हो चुुका है जिसकी क्षमता 250 गोवंश संरक्षण की है जिसमें अतिशीघ्र गोवंश रखे जायेगें।

सरकार की प्रत्येक न्याय पंचायत में 01 गो-आश्रय स्थल स्थापित करने की योजना है जिसके लिये जमीनों का चिन्हांकन जारी है। उक्त कार्य तब तक जारी रहेगे जब तक एक-एक छुटटा/बेसहारा गोवंश का संरक्षण सुनिश्चित नहीं हो जाता है।

नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों द्वारा भी गोवंशों के संरक्षण में एवं वर्तमान में स्थापित गोशालाओं के संचालन में उत्साह प्रदर्षित किया जा रहा है जो कि एक अच्छा संकेत है। गोआश्रय स्थलों को स्वावलम्बी बनाये जाने के प्रयास जारी हैं एवं कोशिश की जा रही है कि अधिक से अधिक गो-आश्रय स्थलों को एन0जी0ओ0 व स्वयं सहायता समूह के माध्यम से संचालित किये जाने हेतु इच्छुक एन0जी0ओ0 व स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जाय।

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