न्यायालय के आदेश पर 29 वर्ष बाद अवमुक्त की गई अष्टधातु की मूर्तियां,कोतवाली में मूर्तियों के दिव्य श्रंगार के बाद पैरोकार को किया गया शुपुर्द

करनैलगंज गोण्डा (रमेश पाण्डेय)। 29 वर्ष से कोतवाली के मालखाने में कैद भगवान श्रीराम, सीता व लक्ष्मण की मूर्तियों को मालखाने से निजात मिल गई। मूर्ति का रिलीज आर्डर मिलते ही पुलिस कर्मियों ने मूर्ति को निकालकर उन्हें नहलाया, नए बस्त्र सिलवा कर पहनाए, मिठाई का भोग लगा, कोतवाली परिसर में पूजन हुआ, प्रसाद बंटा उसके बाद भगवान को विदाई देकर उनके मंदिर में पुनः प्राण प्रतिष्ठा के लिए भेजा गया। कोतवाली करनैलगंज के मालखाने से 29 वर्ष बाद अष्टधातु की मूर्तियों को निकालकर मंदिर में स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। जिससे ग्रामीणों में हर्ष व्याप्त है। वर्ष 1964 में कोतवाली करनैलगंज के ग्राम रेवांरी वैशन पुरवा निवासी रामसिंह प्रधान के पूर्वजों ने अपने दरवाजे पर मन्दिर का निर्माण करवाया था। जिसमे स्थापित श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता की 32 किलोग्राम की अष्टधातु की मूर्ति स्थापित कर विधिवत प्राण प्रतिष्ठा भी करवाया था। जो लोगों के आस्था का केंद्र बन गया। श्रद्धालु बराबर मन्दिर में पूजन अर्चन करते चले आ रहे थे। अष्टधातु की बेशकीमती मूर्तियों पर चोरों की निगाहें गढ़ गई। और वह मौके की तलाश करने लगे। फरवरी 1992 की रात्रि चोर तीनो मूर्तियां चोरी कर ले गये। मगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद मूर्तियों को बरामद कर लिया। तब से मन्दिर में रहने वाले भगवान मालखाने में कैद हो गये। अपने पूर्वजों द्वारा बनवाई गई मंदिर का जीर्णोद्धार कराकर मंदिर में मूर्तियों को पुनः स्थापित कराने की मुहिम राजू सिंह ने तेज की। जिस पर बीते 5 मई को न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम गोंडा द्वारा मालखाने से मूर्तियों को निकालकर पुनः मंदिर में स्थापित कराने का आदेश पारित किया गया। जिसके अनुपालन में दीवान रजनीकांत सिंह व भूपेंद्र सिंह ने 29 वर्ष बाद माल खाने से मूर्तियों को निकालकर विधिवत स्नान कराते हुये तत्काल अंग वस्त्र सिलवा कर पहनाया। और श्रद्धा भाव से श्रृंगार, पूजन, भोग, आरती करने के बाद कोतवाली से भगवान की मूर्तियों को रवाना किया गया। इस मौके पर कोतवाली के सभी पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

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