पँचायत चुनाव-आरक्षण को लेकर हाइकोर्ट में एक और याचिका,गोंडा समेत 4 जिलो में आरक्षण प्रकिया को शून्य घोषित करने की माँग


 लखनऊ :  पँचायत चुनाव को लेकर  संशय लगातार गहराता जा रहा है। पहले अजय सिंह की याचिका पर आरक्षण व्यवस्था बदली गयी तो दुबारा वर्तमान में लागू की गई आरक्षण व्यवस्था को लेकर सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया जिसका निर्णय अभी आना बाकी ही था इसी दौरान एक नया पेंच सामने आया है जिसके तहत आरक्षण का मामला पुनः हाईकोर्ट पहुँच गया है,मामले में याची सुधीर सिंह के अधिवक्ता मनीष सिंह के द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई कल 26 मार्च को होनी है । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू चार जिलों गोंडा, मुरादाबाद, सम्भल और गौतमबुद्धनगर की आरक्षण प्रक्रिया को शून्य घोषित करने के लिए उपरोक्त याचिका प्रस्तुत की गई । जिसमें मुख्य रूप से यह आधार लिया गया कि उपरोक्त जिलों में वर्ष 2015 में पुनर्गठन का कार्य नहीं किया गया था, इसलिए उत्तर प्रदेश आरक्षण नियामवली 1994 के नियम चार में दिनांक 16-09-2015 को ये संशोधन किया गया कि जब -जब पंचायतों में पुनर्गठन का कार्य किया जायेगा तब- तब आरक्षण शून्य माना जायेगा,  चूंकि उपरोक्त जिलों में पुनर्गठन का कार्य 2020 में किया गया जिसमें लगभग 50 ग्राम पंचायत नई बनाई गई, इसलिए पूर्व में किये  आरक्षण को शून्य घोषित किया जाये और नये सिरे से आरक्षण सूची बनाई जाये

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