करनैलगंज गोण्डा (रमेश पाण्डेय)। उर्वरक की दुकानों को पर कैशलेस डिजिटल भुगतान के क्रियान्वयन के लिए उर्वरक विक्रेताओं की नकेल कसने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। किसी भी उर्वरक की दुकान पर क्यूआर कोड न मिलने पर उसका लाइसेंस निरस्त करने का अभियान चलेगा। उर्वरक विक्रेताओं को एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव ने बताया कि उर्वरक के फुटकर व थोक व्यापारियों के यहां क्यूआर कोड का बोर्ड लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है और किसानों से अब डिजिटल लेन देन कैशलेस तरीके से किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सभी उर्वरक की दुकानों पर क्यूआर कोड अनिवार्य कर दिया गया है और एक सप्ताह की मोहलत उर्वरक विक्रेताओं को दी जा रही है। यदि उनकी दुकान पर क्यूआर कोड नहीं मिला तो उनके लाइसेंस भी निरस्त कर दिए जाएंगे। 15 फरवरी से अभियान चलाकर दुकानों का निरीक्षण होगा। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि जिन व्यापारियों को क्यूआर कोड लेने में असुविधा हो रही है उनके लिए कार्यालय के मीटिंग हाल में सोमवार से क्यूआर कोड बनाकर उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी विभाग द्वारा की गई है। उर्वरक विक्रेता उनके कार्यालय में आकर संपर्क करके क्यूआर कोड बनवा सकते हैं। उन्होंने व्यापारियों को स्पष्ट रूप से कहा है कि क्यूआर कोड न होने की स्थिति में कार्रवाई के लिए तैयार रहें। शासन स्तर से मिल रहे निर्देशों के क्रम में यह अभियान चलाया जा रहा है।