डीएम की जारी है कार्यवाही,पोषण कार्यक्रमों में रूचि न लेने वाले सीडीपीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ ही अग्रिम आदेशों तक वेतन पर रोक।

गोण्डा-डीएम मार्कण्डेय शाही ने ब्लाक कन्वर्जन्स कमेठी की बैठकें ब्लाक मुख्यालयों पर न कराने तथा बैठक की कार्यवृत्त न भेजने वाले सीडीपीओ का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोकने तथा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण वाटिकाएं न बनवाने वाले सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने व पोषण कार्यक्रमों में खराब प्रगति पर सीडीपीओ झंझरी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के आदेश दिए हैं। यह कार्यवाही डीएम ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला पोषण समिति की बैठक में की है।
जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक में ब्लाक कन्वर्जन्स की बैठकें सम्बन्धित तहसील के एसडीएम की अध्यक्षता में ब्लाक मुख्यालय पर ही सुनिश्चित कराए जाने सम्बन्धी पूर्व में दिए गए स्वयं के आदेश की समीक्षा की तो ज्ञात हुआ कि सीडीपीओ द्वारा ब्लाक मुख्यालयों पर बैठक कराकर कार्यवृत्त नहीं भेजी गई है। इससे नाराज डीएम ने ऐसे सभी सीडीपीओ का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। एमसीटीएस पोर्टल पर 08 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण लम्बित पाए जाने पर डीएम ने जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई तथा एक सप्ताह में प्रगति न आने पर प्रतिकूल प्रविष्टि देने की चेतावनी दी है।
वीएचएनडी दिवसों के आयोजन को लेकर डीएम ने सख्त व स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वीएचएनडी सत्रों का आयोजन किसी भी प्राइवेट व्यक्ति के घर पर अथवा प्रतिष्ठान पर कतई आयोजित नहीं किया जाएगा बल्कि वीएचएनडी दिवसों का आयोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों, पंचायत भवनोें अथवा सरकारी स्कूलों में ही आयोजित कराया जाय। इसके अलावा सीमएओ तथा डीपीओ को निर्देश दिए कि वीएचएनडी दिवसों के आयोजन के लिए आवश्यक सभी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाय। पोषण वाटिकाओं के निर्माण की समीक्षा में झंझरी, इटियाथोक, नवाबगंज तथा तरबगंज की स्थिति खराब पाई गई। डीएम ने सीडीपीओ झंझरी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही अन्य खराब प्रगति वाले सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा 15 दिन में प्रगति न आने पर उन्हें भी प्रतिकूल प्रविष्टि देने की चेतावनी दी है।
पोषण समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने इस बात पर भी बल दिया कि कुपोषित और अतिकुपोषित श्रेणी के बच्चों के परिजनों को गाभिन अथवा दूध दे रही गायों की सुपुर्दगी कराई जाय। उन्होनें यह भी निर्देश कि सैम मैम श्रेणी के बच्चों के परिजनों से सम्बन्धित ब्लाक के सीडीपीओ तथा सामदुायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारीगण संयुक्त रूप से वार्ता करें तथा उन्हें कुपोषण से मुक्त कराने के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराएं। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की व्यवस्था की समीक्षा के दौरान पाया गया कि 245 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की व्यवस्था नहीं है। इस पर नाराज डीएम ने डीपीआरओ तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि वे आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की व्यवस्था के लिए आवश्यक कार्यवाही तत्काल शुरू करें।
पोषण तथा विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सहयोग के लिए नियुक्त टीएसयू टीम को भी डीएम ने कड़ी फटकार लगाते हुए समुचित डाटा सीएमओ व जिला कार्यक्रम अधिकारी को समय से उपलब्ध न कराने पर कठोर कार्यवाही की चेतावनी दी है तथा निर्देश दिए है कि तकनीकी सहयोग के लोग रोजाना सीएमओ तथा डीपीओ को कमियों व आवश्यकताओं के बारे में लिखित रूप से अवगत कराएं तथा बाल विकास व स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सुधार लाने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
जिलाधिकारी ने बैठक में इसके अलावा खाद्यान्न वितरण, राशनकार्ड व जाॅब कार्ड जारी करने, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम का पूरे माह का रोस्टर जारी करने, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरियों को आयरन की गोलियां बंटवाने, एक युनिट वाले अपात्र राशन कार्ड धारकों का सत्यापन कराकर उनका राशन कार्ड निरस्त कराएं जाने, आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण की प्रगति, खाद्यान्न उठान के दौरान बोरे का वजन कुल वजन से घटाकर ही कोटेदार को राशन दिलाए जाने, आंगनबाड़ी केन्द्रों बेबी फे्रन्डली शौचालय बनवाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक मे सीडीओ शशांक त्रिपाठी, सीएमओ डा0 अजय सिंह गौतम, डीपीओ मनोज कुमार,, डीसी हरिश्चन्द्र प्रजापति, जिला पूर्ति अधिकारी वीके महान, डिप्टी आरएमओ प्रज्ञा मिश्रा, जिला समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह, पीओ डूडा, श्रम प्रर्वतन अधिकारी योगेश दीक्षित, एक्सईएन जल निगम मुकीम अहमद सहित अन्य अधिकारी तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा टीएसयू टीम के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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