दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव आईआईएसएफ 2020 का विधिवत शुभारंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने महोत्सव से जुड़े सभी लोगों को उनके प्रयासों के लिए साधुवाद दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों की चर्चा करते हुए देश में नए इंजीनियरिंग कॉलेज और आईआईटी जैसे उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थान खोले जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस अवसर पर उन्होंने देश में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे अटल इनोवेशन मिशन और स्कूल कॉलेजों में आरंभ किए गए अटल टिंकरिंग लैब और अटल इनक्यूबेशन सेंटर जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं की भी जानकारी दी। हाल ही में आयोजित किए गए वैभव सम्मेलन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा के सम्मेलन में उन्होंने देश के वैज्ञानिकों एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से चर्चा की। उन्होंने उस चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि परस्पर विश्वास और सहयोग की भावना से बहुत कुछ अर्जित किया जा सकता है । आईआईएसएफ और हैकाथन जैसे आयोजन हमारे छात्रों और वैज्ञानिकों को नए और अनूठे अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने देश में तेजी से बदलती हुई व्यवस्थाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हमारा देश तीव्र गति से डिजिटल क्रांति का हिस्सा बन रहा है। आज भारत के पास हाइटेक सुविधाएं और ऊर्जावान जनशक्ति उपलब्ध है। इसके साथ ही लोकतांत्रिक मूल्यों के कारण आज संपूर्ण विश्व भारत की व्यवस्थाओं पर पर अपना भरोसा जता रहा है। अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में हुए शोध कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की हमें समुद्र अनुसंधान के क्षेत्र में भी इसी प्रकार सफलता अर्जित करनी है । इस अवसर पर उन्होंने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना पर भी प्रकाश डालते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित विज्ञान के अनेक क्षेत्रों में भारत के बढ़ते कदमों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा युवाओं को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा अनेक क्षेत्रों में छात्रवृत्तियां आरंभ की गई हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध कार्यों की भूरी भूरि प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने इस संघर्ष में हमें अन्य देशों के मुकाबले आगे और बेहतर स्थिति में रखा । मोदी ने कहां की वैज्ञानिक शोध कार्यों का लाभ आम जनमानस को मिलना ही चाहिए। युवा छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने निरंतर सीखने और ज्ञान प्राप्त करने का आह्वान किया जिसे वे अपने और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें । भारत के वैज्ञानिकों और ऊर्जावान युवा प्रतिभाओं की सराहना करते हुए विश्व समुदाय को भारतीय ज्ञान-विज्ञान और युवा प्रतिभाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया। अंत में उन्होंने आईआईएसएफ 2020 की सफलता और उसके उद्देश्यों की पूर्ति की शुभकामना दी।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी मांडे ने प्रधानमंत्री जी के संबोधन के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, स्वास्थ्य मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी आदि विभागों के सचिवों के अलावा विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ विजय पी भटकर एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि विज्ञान महोत्सव में इस वर्ष 13 नए इवेंट के साथ कुल 41 इवेंट्स का आयोजन किया जा रहा है जिनके समन्वयन और आयोजन का दायित्व अन्य सहयोगी मंत्रालयों एवं विभागों के सहयोग से वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और विज्ञान भारती द्वारा संयुक्त रुप से निभाया जा रहा है। सीएसआईआर के नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान "एन आई एस टी ए डी एस" इसके लिए नोडल संस्थान की भूमिका में है। इन्हीं 41 इवेंट्स में से एक इवेंट "स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग मॉडल कंपटीशन एंड एक्सपो" राजस्थान स्थित राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला सीएसआइआर-सीरी द्वारा विज्ञान भारती - राजस्थान के साथ मिलकर आयोजित किया जा रहा है।