करनैलगंज/गोण्डा - श्रमिको द्वारा कड़ी मेहनत का सम्मान करने के साथ ही श्रमिको के हितों के लिये संघर्ष करने वालो को सम्मान देना ही श्रमिक दिवस मनाने की सार्थकता प्रदान करता है।
भारतीय राष्ट्रीय क्षत्रिय कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश सिंह ने आज विश्व श्रमिक दिवस व स्वतंत्रता संघर्ष, समाजवादी संघर्ष व संसदीय जनतंत्र के योद्धा स्व.मधु लिमये जी की जयंती पर उक्त विचार ब्यक्त करते हुए कहा कि सिद्धान्तनिष्ट, सदाचार व शिष्टाचार के श्रेष्ठतम प्रतीक मन, बचन व कर्म के आदर्श के महानायक मधुलिमये जी कमजोर लोगो के हितों के संघर्ष में अपना पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने अपने कर्मो से श्रमिक दिवस की सार्थकता सिद्ध की।
लिमये जी अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने मराठी में 11, हिंदी में 19 व अंग्रेजी में 37 छोटी बड़ी किताबे लिखी। जीवन सादगी से जिये। 4 बार सांसद रहने के बाद भी उनके पास अपनी गाड़ी तक नही थी। दिल्ली में वो बस व टैम्पो से यात्रा किया करते थे।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने आज विश्व श्रमिक दिवस के मौके पूरे दिन उपवास रखकर प्रधानमंत्री जी को संबोधित एक ज्ञापन भी मेल किया। ज्ञापन में प्रमुखरूप से 1- श्रमिको/ कर्मचारियों के भत्ते काटने के निर्णय को अनुचित बताते हुए निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की। 2- बैंक डिफॉल्टरों जिनका करोड़ो करोड़ राइट-आफ किया गया है उन लोगो के पास बहुत सारी चल अचल संपत्ति है, अन्य कारोबार हैं, उनके चल अचल संपत्ति की नीलामी कर समस्त देय की वसूली की जाय। 3- दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम द्वारा शोसल मीडिया व अन्य संचार माध्यमो से अरब देशों का हवाला देकर राष्ट्रविरोधी बयान दिया उसे संज्ञान लेकर उनको पद से बर्खास्तगी सहित अन्य प्रभावी कार्यवाही कराई जाए।
अवधेश सिंह ने बताया कि लॉक डाउन का पूर्णतया पालन करते हुए फिजीकल डिस्टेन्स बनाये रख कर प्रतीकात्मक एक श्रमिक को सहयोग व सम्मान भी प्रदान किया गया।
आज प्रतापपुर स्थित अपने गाँव मे अवधेश सिंह द्वारा श्रमिक दिवस के मौके पर शहीद श्रमिको को श्रधांजलि दी गयी तथा मधु लिमये जी को श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।
भारतीय राष्ट्रीय क्षत्रिय कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश सिंह ने आज विश्व श्रमिक दिवस व स्वतंत्रता संघर्ष, समाजवादी संघर्ष व संसदीय जनतंत्र के योद्धा स्व.मधु लिमये जी की जयंती पर उक्त विचार ब्यक्त करते हुए कहा कि सिद्धान्तनिष्ट, सदाचार व शिष्टाचार के श्रेष्ठतम प्रतीक मन, बचन व कर्म के आदर्श के महानायक मधुलिमये जी कमजोर लोगो के हितों के संघर्ष में अपना पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने अपने कर्मो से श्रमिक दिवस की सार्थकता सिद्ध की।
लिमये जी अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने मराठी में 11, हिंदी में 19 व अंग्रेजी में 37 छोटी बड़ी किताबे लिखी। जीवन सादगी से जिये। 4 बार सांसद रहने के बाद भी उनके पास अपनी गाड़ी तक नही थी। दिल्ली में वो बस व टैम्पो से यात्रा किया करते थे।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने आज विश्व श्रमिक दिवस के मौके पूरे दिन उपवास रखकर प्रधानमंत्री जी को संबोधित एक ज्ञापन भी मेल किया। ज्ञापन में प्रमुखरूप से 1- श्रमिको/ कर्मचारियों के भत्ते काटने के निर्णय को अनुचित बताते हुए निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की। 2- बैंक डिफॉल्टरों जिनका करोड़ो करोड़ राइट-आफ किया गया है उन लोगो के पास बहुत सारी चल अचल संपत्ति है, अन्य कारोबार हैं, उनके चल अचल संपत्ति की नीलामी कर समस्त देय की वसूली की जाय। 3- दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम द्वारा शोसल मीडिया व अन्य संचार माध्यमो से अरब देशों का हवाला देकर राष्ट्रविरोधी बयान दिया उसे संज्ञान लेकर उनको पद से बर्खास्तगी सहित अन्य प्रभावी कार्यवाही कराई जाए।
अवधेश सिंह ने बताया कि लॉक डाउन का पूर्णतया पालन करते हुए फिजीकल डिस्टेन्स बनाये रख कर प्रतीकात्मक एक श्रमिक को सहयोग व सम्मान भी प्रदान किया गया।
आज प्रतापपुर स्थित अपने गाँव मे अवधेश सिंह द्वारा श्रमिक दिवस के मौके पर शहीद श्रमिको को श्रधांजलि दी गयी तथा मधु लिमये जी को श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।