गोण्डा (Gonda)-
बच्चे देश के भविष्य हैं.यदि वह भूखे हैं या उन्हें किसी भी चीज की आवश्यकता है तो उनकी मदद अवश्य करें परंतु उनकी फोटो सोशल मीडिया पर प्रदर्शित करने से बचें। नाबालिग और जरूरतमंद बच्चों की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करने पर संबन्धित के खिलाफ कार्यवाही हो सकती है।
इस बिंदु पर बाल संरक्षण आयोग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी से अपील की गई है की कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम हेतु लॉक डाउन में जनपद में संस्थाओं द्वारा जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरण किया जा रहा है जो एक सराहनीय कार्य है. परंतु वितरण में नाबालिक बच्चों से जुड़ी फोटो सोशल मीडिया पर प्रदर्शित न करें नहीं तो आप के विरुद्ध कार्यवाही होगी।
जिला तकनीकी रिसोर्स पर्सन श्रम विभाग यूनिसेफ चंद्रेश यादव ने बताया कि बच्चों को सम्मान से जीने का अधिकार है इस तरह से इनका उपहास उड़ाया जाना किशोर न्याय ( बालकों की देखरेख एवं संरक्षण ) अधिनियम 2015 की धारा 13(1) के अंर्तगत अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए किसी भी बच्चों की मदद के दौरान उनका फोटो न खींचे और न सोशल मीडिया पर अपलोड करें। यह दंडनीय अपराध है. कोरोना वायरस से बचने के लिए सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, साथ ही सरकार द्बारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें।
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