जिलाधिकारी डाॅ0 उज्ज्वल कुमार ने जिला पोषण समिति की मासिक समीक्षा बैठक में कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन एवं उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर ग्रीन श्रेणी में लाए जाने की समीक्षा में पाया गया कि सीडीपीओ सहित अधीनस्थ सुपरवाइजर एवं विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोई रूचि नहीं ली जा रही है तथा सिर्फ कागजी कार्यवाही कर कोरम पूरा किया जा रहा है। वहीं कार्यों में लापरवाही से नाराज डीएम ने बाल विकास एवं पुष्टाहर विभाग के सभी सीडीपीओ को कड़ी फटकार लगाते हुए वेतन अवरुद्ध करने की चेतावनी दी। समीक्षा में सैम व मैम बच्चों के चिन्हांकन की स्थिति बेहद खराब पाई गई। इस खराब प्रगति से नाराज डीएम ने बैठक में कार्यक्रम विभाग के सभी अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। जिलाधिकारी ने कहा कि पोषण पखवाड़े के दौरान विभाग द्वारा की गई गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट उन्हें दी जाय। उन्होंने कहा कि सीडीपीओ व सुपरवाइजर फील्ड में निकलें तथा काम करें, सिर्फ कागजी रिपोर्टिंग वाले अधिकारी-कर्मचारी कतई बख्शे नहीं जाएगें। उन्होंने कहा कि बच्चों का वजन करना, उनकी लंबाई के अनुसार उन्हें श्रेणियों में रखना तथा उसी के अनुसार उनके स्वास्थ्य वर्धन के लिए काम करें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर.एस केसरी, डीपीआरओ रोहित कुमार, डीपीओ मनोज कुमार, डीसी मनरेगा, जिला पूर्ति अधिकारी, ईओ नगर पालिका गोंडा, पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, व समस्त सीडीपीओ सहित विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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