मथुरा गांव में फैला सम्मय माता मंदिर पर ग्यारह दिवसीय रामकथा व महा शतचंडी यज्ञ का हुआ आयोजन रामकथा से संवर जाता है मनुष्य का जीवन :व्यास नारायण दीक्षित (वृन्दावन धाम)




कर्नलगंज/कटरा बाजार गोण्डा। क्षेत्र के मथुरा गांव के फैला सम्मय माता मंदिर परिसर में आयोजित शतचंडी महायज्ञ के दौरान रामकथा सुनाते कथावाचक-व्यास नारायण दीक्षित ने कहा कि संतों की कृपा से ही समागम होता है। रामकथा के जरिए मनुष्य का जीवन संवर जाता है। वह बुरे कर्म छोड़कर नेकी की राह पर चल पड़ता है। सत्संग से मानव अपने साथ-साथ परिवार एवं समाज का भी कल्याण करने लगता है। संत की कृपा से सत्संग मिलती है और जब संत विशेष कृपा करता है तो समागम मिल जाता है। ये विचार मथुरा गांव स्थित फैला सम्मय माता मंदिर परिसर में आयोजित ग्यारह दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के तहत चल रहे रामकथा के छठें दिन कथा वाचक नारायण दीक्षित ने कही। उन्होंने कहा कि धर्म मात्र बौद्धिक उपलब्धि नहीं है। वह मनुष्य की स्वाभाविक आत्मा है और मनुष्य के आवरण से ढकी हुई है। इस कारण वह अज्ञात है। आवरण से उसका चैतन्य ढका हुआ है, लेकिन वह अस्त नहीं है। उन्होंने कहा कि संतों की कृपा से ही समागम मिलता है। रामकथा के जरिए मनुष्य का जीवन संवर जाता है। वह बुरे कर्म छोड़कर नेकी की राह पर चल पड़ता है। सत्संग से जुड़ने के बाद मानव अपने साथ-साथ परिवार एवं समाज का भी कल्याण करने लगता है। संत की कृपा से सत्संग मिलता है और जब संत विशेष कृपा करता है तो समागम मिल जाता है। रामकथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि अकेले प्रार्थना करने से हो सकता है कि परमात्मा कुछ देर में सुने,लेकिन जब एक साथ लाखों हाथ जुड़कर प्रार्थना करते हैं तो परमात्मा को सुनना ही पड़ता है। इसलिए रामकथा विशेष महत्व रखती है।सत्य का महत्व तब ही है जबकि सत्य को जीवन में मन,वचन,कर्म से स्वीकार किया जाए। सत्य का आचरण करने वाला व्यक्ति ही सामाजिक जीवन में प्रतिष्ठा एवं सम्मान प्राप्त करता है। सत्य के आचरण के आधार पर ही हम एक-दूसरे पर विश्वास करते हैं। परस्पर विश्वास की नींव पर ही संपूर्ण समाज की रचना टिकी हुई है। श्रीराम का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में मुसीबतों का सामना करते हुए समाज के सामने ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया, जिसके अनुसरण से मनुष्य का जीवन सफल हो सकता है। इसी क्रम में श्रद्धा जागरण म्यूजिकल टीम द्वारा राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती आदि की मनमोहक झाँकी प्रस्तुत की गई।जिसने दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया।इस अवसर पर नंदू पाठक (महंत फैला सम्मय मंदिर) राजेन्द्र महाराज, अमरनाथ सिंह,गौरव सिंह,तुलसीराम राव,केशव,जयसिंह,विनोद सिंह, कृष्ण प्रताप नारायण सिंह ,सूर्य प्रकाश सिंह, मंगल राव, सहित सैकड़ों महिला-पुरुष भक्तगण मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था के लिए माधौपुर पुलिस चौकी के कांस्टेबल नीरज कुमार सिंह व सुरेश यादव सहित अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

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