नोडल अधिकारी जिला अस्पताल व गौ आश्रय केन्द्रों का किया औचक निरीक्षण







गोण्डा - बुधवार को जनपद पहुंचे विशेष सचिव धर्मार्थ/जिले के नोडल अधिकारी श्री रघुवीर ने सर्किट हाउस में डीएम, सीडीओ व सीएमओ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर गौवंश संरक्षण, धान क्रय की स्थिति तथा जनपद में कोविड नियंत्रण, ऑक्सीजन प्लांट आदि की गहन समीक्षा की। 
बैठक में नोडल अधिकारी ने निर्देश दिए कि गौवंशों के संरक्षण में कोई कोताही न बरती जाए तथा सभी गौ आश्रय स्थलों में क्षमता के अनुसार निराश्रित गोवंशों का संरक्षण कराने के साथ ही आवश्यक प्रबन्ध हर हाल में सुनिश्चित कराए जाएं। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 64 गौशालाएं हैं। जनपद में आवारा गौवंशों की संख्या 10 हजार 952 है जिसके सापेक्ष 10 हजार 53 गौवंश वर्तमान में गौशालाओं में संरक्षित हैं।
कोविड नियंत्रण की समीक्षा में सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने बताया कि जिले में 26 लाख से अधिक लोगों को कोविड की पहली डोज लग चुकी है तथा दूसरी डोज करीब 80 प्रतिशत लोगों को लगाई जा चुकी हैं। इसके अलावा बूस्टर लगाने का काम भी लगभग पूर्ण होने वाला है। ऑक्सीजन की उपलब्धता की समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में जिले में 3800 एलपीएम ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट संचालित हैं तथा किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयारियां पर्याप्त हैं। नोडल अधिकारी ने निर्देश दिए कि कोविड पॉजिटिव लोगों को मेडिकल किट मुहैया कराने के साथ ही छूटे हुए लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए कोविड कमाण्ड सेन्टर व निगरानी समितियों के माध्यम से लगातार प्रयास जारी रखें जिससे जनपद में शत-प्रतिशत लोगों को पहली, दूसरी व बूस्टर डोज दी जा सके। 
धान खरीद की समीक्षा में डिप्टी आरएमओ ने बताया कि धान खरीद हेतु शासन से जनपद को 82 हजार 300 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया था जिसके सापेक्ष अब तक 93 हजार 295 मीट्रिक टन खरीद की जा चुकी है तथा किसानों का भुगतान भी किया गया है।
समीक्षा बैठक के उपरान्त नोडल अधिकारी द्वारा सीडीओ के साथ जिला अस्पताल में स्थापित 1000 एलपीएम, 500 एलपीएम तथा 1500 एलपीएम क्षमता के ऑक्सीजन प्लांटों कोविड हॉस्पिटल तथा वहां पर संचालित कोविड वैक्सीनेशन कैंप का निरीक्षण किया गया। नोडल अधिकारी द्वारा अस्पताल में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद नोडल अधिकारी द्वारा गौ आश्रय केंद्र बदलेपुर बेलसर तथा गौ आश्रय केन्द्र चंगेरी परसपुर का निरीक्षण कर जायजा लिया गया। वहां पर उन्होंने गौशाला में निराश्रित गौ वंशों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान गौ आश्रय संरक्षकों द्वारा नोडल अधिकारी से प्रति गौवंश मिलने वाली 30 रूपए की राशि को बढाने की मांग भी की गई। मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि गुरूवार 03 फरवरी को नोडल अधिकारी गौ आश्रय स्थलों एवं धान क्रय केन्द्रों का निरीक्षण किया जाएगा।
इस दौरान सीएमओ डा0 आरएस केसरी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी रवीन्द्र सिंह राठौर, डिप्टी आरएमओ प्रज्ञा मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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