महिलाओं का चुनाव प्रचार अनोखे अंदाज में,सपा प्रत्याशी ने गाया सोहर तो कांग्रेस ने प्रत्याशी ने चलाई चारा मशीन

कांग्रेस प्रत्याशी ने बंटाया काम मे हाथ
घूंघट की आड़ में अपनी बात कह रही है सपा प्रत्याशी



गोण्डा - जहाँ एक ओर आगामी 27 फरवरी को उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण का चुनाव होना है ऐसे में जिले में विधानसभा प्रत्याशी विधानसभा क्षेत्रों में जाकर वोट मांग रहे हैं और अपना दमखम आजमा रहे वहीं प्रत्याशियों ने अनोखे अंदाज में प्रचार करना भी शुरू कर दिया है। कहीं कोई प्रत्याशी लोगों के बीच में जाकर वोट मांग रहा है तो कहीं काफिले का रैलियों का दमखम दिखाकर लोगों को अपनी ताकत का अहसास करा रहा है। इसी बीच विधानसभा सीट से जीत दर्ज कराने और सत्ता के गलियारे में जाने के लिए दो महिला प्रत्याशियों ने लोगो के घरों में जाकर कुछ अलग ही तरीके से अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी प्रत्याशी की बात करें तो जिले की मेहनौन विधानसभा सीट से विधायक और प्रत्याशी नंदिता शुक्ला चुनाव प्रचार करती नजर आईं। इस सीट से  तीन बार विधायक रह चुकी नंदिता शुक्ला पर एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने अपना भरोसा जताया है और यह घरों में जाकर महिलाओं से घूंघट के अंदर बात करती हैं तो वही उनके बीच बैठकर मंगल गीत गाकर खुद को उनकी घर की बेटी व बहू बता रही है। वह महिलाओं के गले लगती हैं तथा उसके बाद घूंघट के अंदर ही अपनी बात कहती हैं। वहीं जब उनको बताया जाता है कि एक घर में बच्चा पैदा हुआ है तो वह सीधे उसके आंगन में पहुंच गई और उनके बीच बैठकर सोहर और मंगल गीत गाने लगती हैं। बातचीत के दौरान नन्दिता शुक्ला ने बताया की संस्कार व सम्मान भारतीय परंपरा रही है ऐसे में वह उनसे उसी परंपरा में मिलकर अपनी बात कह रही हैं और अपने समर्थन में वोट मांग रही हैं। वहीं जिले की तरबगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी त्वरिता सिंह के प्रचार का तरीका कुछ अलग है। तरबगंज विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करते हुये उन्होंने महिलाओं का दर्द समझा और महिलाओं के बीच जाकर उन्होंने अपने पक्ष में वोट करने की अपील की। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार त्वरिता सिंह ने गाँव की एक महिला के साथ चारा काटने वाली मशीन पर चारा काट कर खुद को उनका हमदर्द और सहयोगी सावित कर दिया उन्होंने कहा कि महिलाएं चूल्हा चौका सम्हाल सकती हैं तो सत्ता की बागडोर भी। बातचीत में त्वरिता सिंह ने कहा कि वह महिलाओं को सशक्त कर रही हैं और अपने पक्ष में वोट मांग रही है। अब आगामी 27 फरवरी को मतदान है और 10 मार्च को नतीजे आने हैं। ऐसे में चुनाव के नतीजे कुछ भी हो लेकिन जहाँ एक तरफ इन महिला प्रत्याशियों के अलग अंदाज में किये जा रहे प्रचार प्रसार की क्षेत्रों में तेजी से चर्चा हो रही है, तो वहीं महिलाओं की हमदर्दी से इनकार नहीं किया जा सकता।

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