स्वास्थ्य कर्मियों ने पहले पुरुष को महिला बनाया फिर बिना लगाये कागजों में लगा दी कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक) पीड़ित ने अस्पताल प्रशासन की निरंकुश कार्यप्रणाली से त्रस्त होकर उच्चाधिकारियों से लगाई न्याय की गुहार
- कर्नलगंज, गोण्डा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज में कोरोना वैक्सीनेशन में स्वास्थ्य कर्मियों की घोर लापरवाही एवं बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने पहले पीड़ित व्यक्ति को पुरूष की जगह महिला बनाया फिर बिना पीड़ित व्यक्ति के जानकारी के व उसे वैक्सीन की दूसरी डोज लगाये कागजों में वैक्सीन की दूसरी डोज लगाकर लोगों को हैरत में डाल दिया है जो काफी चर्चा का विषय बना है वहीं स्वास्थ्य विभाग को सवालिया घेरे में खड़ा कर रहा है। जिससे पीड़ित ने अस्पताल प्रशासन की निरंकुश कार्यप्रणाली से काफी त्रस्त होकर उच्चाधिकारियों से जिम्मेदारों के विरुद्ध न्यायोचित दंडात्मक कार्रवाई करने एवं दूसरी डोज शीघ्र लगवाने की गुहार लगाई है।
स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार एवं हैरतअंगेज निरंकुश कार्यप्रणाली का यह मामला स्थानीय तहसील मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज से जुड़ा है। जहां करीब 49 वर्षीय पीड़ित व्यक्ति सम्मय दीन पुत्र महादेव निवासी ग्राम महादेव (बसालतपुर) तहसील कर्नलगंज के मुताबिक उन्हें बीते 7 जुलाई 2021 को नगरपालिका परिषद कार्यालय कर्नलगंज के परिसर में आयोजित वैक्सीनेशन कैंप में सीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ० ए०के० गुप्ता की मौजूदगी में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी जिसमें दिये गए टीकाकरण कार्ड में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोगों ने घोर लापरवाही फर्जीवाड़ा कर पहले तो उसे सम्मय दीन की जगह सम्मय देवी पुरूष की जगह महिला कर दिया गया और जब उसने उक्त संबंध में मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर आनलाइन शिकायत दर्ज कराई तो विभाग ने जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई ना करके मनमानी तरीके से उससे भी बड़ा फर्जीवाड़ा करते हुए उसे बिना कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाये ही कागजों में 31 दिसंबर 2021को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी गई।जिसकी जानकारी उसे मोबाइल पर मैसेज मिलने पर हुई तब उसने नेट पर चेक कराया तो पता चला विभागीय पोर्टल पर 31 दिसंबर 21 को वैक्सीन की दूसरी डोज लगा होना भी दिखा दिया गया है। जबकि उसे दूसरी डोज अभी तक नहीं लग सकी है। जिससे पीड़ित ने अस्पताल प्रशासन की निरंकुश कार्यप्रणाली से काफी त्रस्त होकर उच्चाधिकारियों से जिम्मेदारों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। वहीं कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगने का मैसेज आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठ रहा है। जो लोगों में काफी चर्चा का विषय बना है। विदित हो कि स्वास्थ्य विभाग की कोरोना महामारी से बचाव को लेकर सरकार के इस महत्वपूर्ण अभियान में इतनी बड़ी लापरवाही एवं फर्जीवाड़े को जो भी सुन रहा है वो हैरत में है और प्रकरण काफी चर्चा का विषय बना है। अब देखना यह है कि आलाअधिकारियों द्वारा मामले में कोई कार्रवाई की जाती है या पूर्व की तरह इसे भी ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है।
अपलोड हो रहे फर्जी सर्टिफिकेट
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र में आंकड़ो में वैक्सीनेशन के खेल के पीछे निर्वाचन आयोग के उस आदेश को माना जा रहा है जिसमें कहा गया है कि मतदाताओं का हर हाल में दोनों डोज का वैक्सीनेशन होना जरूरी है। यही वजह है कि तहसील से लेकर ब्लाकों तक में फर्जी टीकाकरण दर्शाकर उसे अपलोड किया जा रहा है। वहीं सू़त्रों की मानें तो जिसने पहला डोज तक नहीं लगवाया उसका भी दोनों डोज का वैक्सीनेशन कागजों में कर दिया गया है। अनेक ऐसे मतदाता जो क्षेत्र में है ही नहीं उन्हें भी वैक्सीनेट दर्शा दिया गया है। वैक्सीनेशन के इस खेल में मतदाता सूची का सहारा लिया जा रहा है और उसी के अनुसार वैक्सीनेशन दिखाकर उसे अपलोड कर दिया जा रहा है। जिसकी यदि गहनता से निष्पक्ष जांच हो तो बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन में हुऐ फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है।
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