परसपुर_गोण्डा : परसपुर में मनाई गई ब्रह्माकुमारीज संस्था के संस्थापक दादाश्री लेखराज जी की 53वीं पुण्यतिथि,आयोजित हुआ भोज !!

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय परसपुर सेवा केन्द्र पर प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का अव्यक्त दिवस,विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया गया। आयोजित कार्यक्रम में
आये हुए लोगों को ब्रह्मा भोजन प्रसाद स्वीकार कराया गया।जिसमें  संस्था के स्टूडेंट भाई - बहिनों सहित क्षेत्र के प्रबुद्ध जनों ने पहुंच कर श्रद्धा रूपी पुष्पांजलि अर्पित किया।
सेवा केन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अनामिका बहन ने आये हुए लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का यह 53 वां पुण्य स्मृति दिवस है।
18जनवरी 1969 को पिता श्री ब्रह्मा बाबा अव्यक्त हुए थे पिता श्री ब्रह्मा बाबा का अवतारी सत्ता एक साथ बहुत रूपों में प्रकट होता है।
पिताश्री  प्रजापिता ब्रह्मा आज  सशरीर हमारे बीच में भले  नही है लेकिन यदि उनको आज भी कोई साक्षात् देखना  चाहता है या साक्षातकार करना चाहता है तो वह है उनके द्वारा दी गयी शिक्षायें प्रयाप्त हैं, जिसका वह आचरण मात्र अपने जीवन भर में कर ले।
उनकी शिक्षाओं का हर शब्द ऐसा है जो हृदय को बदलता चला जाता है । हर विचार  ऐसा जो आन्तरिक मन को बदलते चला जाता है । जिसने लाखों करोड़ों लोगो का काया कल्प कर दिया । ममत्व लुटाने वाले एक पिता ने नारी जाति के प्रति करुणा बिखेर कर उनको विश्व में सर्व श्रेष्ठ स्थान दिया है। साधना के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही था । साधारण परिवार में जन्म लिया परंतु सफल हीरे जवाहरात के व्यापारी  बने । सन् 1937 से लेकर सन् 1968  तक परमपिता शिव भोलेनाथ बाबा की इच्छाओं को, संदेशों को पूरे संसार में प्रचारित किया  । अपने को तथा विश्व की सर्व आत्माओ को पवित्र और शक्तिशाली बनाने में लगे रहे ।
 - 18 जनवरी का दिन हमारे लिये नया जन्म बन गया और हमारे जीवन का  परम सौभाग्य है कि इसे हम श्रेष्ठ पिताश्री के अव्यक्त होने के दिवस के  रुप में आज यह दिन मनाते हैं । पिता श्री ब्रह्मा बाबा की तपो भूमि एक विश्व विख्यात -विश्व विद्यालय का रुप धारण कर चुकी है । ब्रह्मा बाबा के पद चिन्हों पर चलते हुए हमें ज्ञान की गहराई में जाने की जरूरत है। एक योगी हजार वक्ताओं से श्रेष्ठ होता है । हमें ऐसा लक्ष्य रखना है
जहां हम रहते है उस एरिया में कोई आत्मा परेशान न हो ।सभी सुख शांति की तरंगे प्राप्त करते रहें । निराकारी, निर्विकारी और निर अहंकारी की अवस्था के रूप में हम ब्रह्मा वत्सों की कथनी करनी एक हो ।
प्रजापिता ब्रह्मा बाबा बहुत ही दयालु- कृपालु प्रवृत्ति के व्यक्ति बाल्यकाल से ही थे,उनका चिंतन सदा संसार के दुःख कैसे दूर हों ,इस विषय पर चलता रहता था।
 वर्तमान समय में 155 देशों में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्था 
  मूल्य निष्ट समाज की स्थापना के लिए कार्य कर रही है ,इस संस्था में लाखों भाई - बहिनें आजीवन रूप से समर्पित होकर स्वांशो स्वांस अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उक्त अवसर पर चेयरमैन प्रतिनिधि परसपुर बासुदेव सिंह , सभासद जगदीश सोनी
विजय कुमार तिवारी , कवि जयदीप सिंह सरस जी, कवि राम लखन यज्ञ सैनी जी "
      सुरज सिंह , राकेश सिंह ,अंशु सोनी" दयाशंकर कौशल, शुभम् सोनी "शनी कौशल, मुकेश तिवारी, विकास पाण्डेय, राम प्रकाश शुक्ला , राजन कुशवाहा , राजकुमार मिश्रा , राधेश्याम मिश्रा,कमला प्रसाद सिंह " अमरेन्द्र नारायण सिंह, अधिवक्ता अजय कुमार सिंह , दिव्यांश चतुर्वेदी , हरी ओम मिश्रा , विपिन मिश्रा , अकबाल बहादुर सिंह, अनूप सिंह , दुर्गा प्रसाद सोनी , दिवान अरविंद कुमार सिंह , विशाल श्रीवास्तव , राम बहादुर , कमलेश सिंह बहन जी,रमा,उमा, सुषमा,पुनम, कोमल, मन्ना, ममता, सोनी ,बबिता , कविता सिंह , अमित शुक्ला, किशन सिंह,सनील भाई आदि लोग उपस्थित रहे।

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