गोण्डा - मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के प्रावधानों पर मेगा जागरूकता कार्यक्रम की बैठक आयोजित किया गया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि 10 दिन में जिन विभागों में कमेटी गठित ना हुई हो वहां कमेटी गठित करा कर अवगत कराएं, साथ ही लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित कोई भी प्रकरण संज्ञान में आने पर संबंधित विभाग की कमेटी को भेजें।
उन्होंने बताया गया कि भंवरी देवी केस के उपरांत विशाखा गाइडलाइन के अंतर्गत 9 दिसंबर 2013 को कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम-2013 का गठन किया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी विभागों में आंतरिक परिवाद समिति का गठन दो दिन के अंदर किया जाए। किसी भी प्रकार का केस आने पर शिकायतकर्ता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्यवाही किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के विषय में विभिन्न विभागों द्वारा जन जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से जन जागरूकता प्रसारित की जाए।
इस कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने अधिनियम के अंतर्गत गठित स्थानीय कमेटी एवं आंतरिक परिवाद कमेटी के गठन के विषय में विस्तार पूर्वक बताया एवं इसकी कार्य प्रक्रिया के विषय में भी चर्चा किया।
जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया गया कि शिकायतकर्ता अपनी लिखित शिकायत संबंधित आंतरिक परिवाद समिति में 3 माह के अंदर कर सकती है।
इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी, जिला विद्यालय निरीक्षक, उपायुक्त उद्योग गोंडा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी, सहायक निदेशक बचत गोंडा, अपर जिला सूचना अधिकारी अमरेश कुमार, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, उप श्रमायुक्त देवीपाटन मंडल गोंडा, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला कल्याण अधिकारी फरहाना फातमा ,जिला समन्वयक ज्योत्सना सिंह, जिला समन्वयक राजकुमार आर्य, समाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र मिश्रा, संरक्षण अधिकारी नेहा श्रीवास्तव, वन स्टॉप सेंटर मैनेजर दीपशिखा शुक्ला,केस वर्कर स्वाति पांडे सामाजिक कार्यकर्ता नीलम सरोज एवं अन्य संबंधित अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहीं।
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