विश्व एड्स दिवस पर विशेष,1427 लोगों का चल रहा इलाज,जानिये कारण,लक्षण व बचाव


गोण्डा - एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारी एड्स के बारे में समाज में सही व समुचित जानकारी पहुँचाने, बीमारी के प्रति जागरुकता फ़ैलाने और एड्स पीड़ितों के साथ सामजिक भेदभाव की भावना दूर करने के उदेश्य से हर वर्ष दिसम्बर माह की 01 तारीख को विश्व भर में एड्स दिवस मनाया जाता है | एड्स एक लाइलाज बीमारी है, जिसके फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध है | यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राधेश्याम केसरी का | उनका कहना है कि इस बीमारी से बचाव सिर्फ सुरक्षा में ही निहित है |
डॉ केसरी का कहना है कि एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरुकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से ‘विश्व एड्स दिवस’ की शुरूआत 01 दिसंबर 1988 को गयी, तभी से प्रति वर्ष यह दिवस मनाया जाता है |
इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम “भेदभाव की समाप्ति, एड्स की समाप्ति तथा महामारियों की समाप्ति है” निर्धारित की गयी है, जिसका मुख्य उदेश्य दुनिया भर में आवश्यक एचआईवी सेवाओं तक पहुंच में बढ़ती असमानताओं को उजागर करना है | डॉ केसरी ने कहा कि भेदभाव, असमानता और मानवाधिकारों की अवहेलना ही एचआईवी / एड्स को वैश्विक स्वास्थ्य संकट बनने और बने रहने देने के मुख्य कारक हैं |
वहीं एड्स नियंत्रण प्रोग्राम के नोडल डॉ जय गोविन्द ने बताया कि एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है, जो एक रोगी से दूसरे रोगी में फैलकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता खत्म कर देती है। एचआईवी वायरस मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद कई सालों तक निष्क्रिय रहता है। हालांकि, इस दौरान वायरस शरीर के अंदर अपनी संख्या बढ़ाता रहता है और श्वेत रक्त कणिकाओं को नष्ट कर देता है। एचआईवी वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद भी 15-20 सालों तक मरीज स्वस्थ दिखता है, लेकिन उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म हो जाती है।
बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय के टीबी एवं एचआईवी को – आर्डिनेटर अरविन्द कुमार मिश्र ने बताया कि एड्स का एकमात्र इलाज है बचाव। 'सावधानी हटी - दुर्घटना घटी' यह शब्द एड्स की बीमारी के लिए बिल्कुल सही साबित होते हैं। एड्स सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से ही नहीं बल्कि यह बीमारी संक्रमित खून या संक्रमित इंजेक्शन की वजह से भी फैलती है। 
आँकड़े कहते हैं जिले में साल दर साल घटे मरीज : एचआईवी को – आर्डिनेटर अरविन्द कुमार मिश्र के अनुसार,  जनपद मे वित्तीय वर्ष 2019 - 20 में 196, 2020 - 21 में 136 व इस वर्ष अक्टूबर 2021 तक कुल 63 लोगों में एचआईवी संक्रमण सक्रीय पाया गया है | वर्तमान में एचआईवी/ एड्स के कुल 1427 मरीजों की नियमित देखभाल और इलाज एआरटी सेंटर के माध्यम से की जा रही है |
एचआईवी पॉजीटिव होने के कुछ प्रमुख लक्षण :
- लगातार वजन का घटना        
- लगातार दस्त होना        
- लगातार बुखार होना        
- टीबी की बीमारी होना        
- शरीर पर खाज, खुजली, त्वचा में संक्रमण होना       
- हरपीज की बीमारी होना        
- मुंह में छाले, जीभ पर फफूंदी आना        
- गले में गांठ बनना        
- गुर्दों तथा हृदय का संक्रमण        
- दिमाग का संक्रमण       
- श्वांस की बीमारी एवं निमोनिया

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