करनैलगंज/गोण्डा। गुरुवार को देव दीपावली के अवसर पर धर्म रक्षा सेतु के कार्यकर्ता सकरौरा घाट पर ग्यारह सौ दिये जलायेंगे।
लगभग तीन दशक पूर्व तक अपनी भव्यता के लिए गोण्डा जनपद ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों में विख्यात रहा सकरौरा घाट अब वीरान होकर रह गया है। सरयू नदी द्वारा घाट छोड़ दिये जाने के कारण अब न तो यहां कोई बड़ा मेला लग पाता है न ही स्नानार्थी ही वहां पहुंच रहे हैं। ऐसे में सकरौरा घाट नशेड़ियों और चोर उचक्कों तथा जुआड़ियों की शरणस्थली बनकर रह गया है। सकरौरा घाट के प्रति लोगों की आस्था बनाये रखने के लिए धर्म रक्षा सेतु के कार्यकर्ताओं ने इस वर्ष वहां देव दीपावली मनाने का निर्णय लिया है। धर्म रक्षा सेतु के प्रमुख आयुष सोनी और विशाल कौशल ने बताया कि देव दीपावली पर सकरौरा घाट की सीढ़ियों और मंदिरों पर ग्यारह सौ दिये तो जलाये ही जायेंगे साथ ही रंगोलियां भी बनायी जायेंगी और घाट पर स्थित पोखरे में दीपदान भी किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसकी तैयारियां जोरों से की जा रही हैं।