जर्जर स्कूलों के भवनों का मामला,गैर जिम्मेदार प्रधान व हेड मास्टर पर संकट के बादल

गोण्डा - जर्जर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की नीलामी कराकर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाए तथा जिन विद्यालयों की नीलामी नहीं हुई है उनका मूल्यांकन कराकर एक सप्ताह के अन्दर नीलामी कराकर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाय। यह निर्देश जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने कलेक्ट्रेट सभागार में जर्जर प्राथमिक विद्यालयों के भवनों के ध्वस्तीकरण एवं नीलामी की समीक्षा में दिए हैं।
         समीक्षा बैठक में बताया गया कि जिले में जांचोपरांत कुल 565 विद्यालय जर्जर पाए गए हैं जिनमें आयोजित 58 विद्यालयों के मुख्य भवन, 292 अतिरिक्त कक्षा कक्ष, 120 शौचालय तथा स्टोर रूम किचन व अन्य कक्ष शामिल हैं। जिलाधिकारी ने ब्लाकवार जर्जर भवनों की नीलामी व ध्वस्तीकरण की समीक्षा की तथा खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जर्जर भवनों का सत्यापन तकनीकी टीम के साथ संयुक्त रूप से कर लें तथा ध्वस्तीकरण के लिए अवशेष जर्जर भवनों का मूल्यांकन पुनः कर लें। उन्होंने निर्देश दिए कि  तकनीकी टीम में लोक निर्माण विभाग, आरईडी तथा लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ ही खण्ड शिक्षा अधिकारियों को भी शामिल किया जाय।
         उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ऐसे भवनों की सूची तैयार की जाए जिनका निर्माण कार्य अधोमानक पाया गया है अथवा समय सीमा से पहले भवन जर्जर स्थिति आ गए हैं उन अधोमानक भवनों के निर्माण के लिए जिम्मेदार ग्राम प्रधान व प्रधानाध्यापक की जिम्मेदार तय कराई जाय। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि नीलाम हो चुके भवनों का ध्वस्तीकरण शीघ्र कराया जाय तथा जिन जर्जर भवनों की नीलामी नहीं हुई हैं, उनकी नीलामी शीघ्र कराई जाय।
बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, प्रभारी बीएसए राकेश कुमार खण्ड शिक्षा अधिकारीगण तथा तकनीकी टीम के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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