गोण्डा - डीएम मार्कण्डय शाही की अध्यक्षता में असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन सम्बन्धी व आवारा गौवशों को गौ आश्रय स्थलों में संरक्षित किए जाने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बैठक जिला पंचायत सभागार में आयोजित की गयी जिसमें जिला कार्यान्वयन समिति के सदस्यों के साथ सहित अन्य विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया।
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन की समीक्षा में जिलाधिकारी ने विभागवार पंजीयन हेतु आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन को लेकर प्रदेश सरकार अत्यन्त संवेदनशील है और शासन स्तर पर इसकी लगातार मानीटरिंग की जारही है, इसलि विभागवार आवंटित लक्ष्य के अनुसार सभी अधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेते हुए कामगारों का पंजीयन कराएं।
उन्होंने निर्देश दिये गये कि संबंधित विभाग आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिका, रसोइया, मनरेगा श्रमिकों व निर्माण श्रमिकों का स्वनिधि योजना के लाभार्थियों का शत प्रतिशत पंजीयन 31 दिसंबर से पूर्व कराने हेतु सभी संभव प्रयास करें। सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे विकास खण्ड परिसर में ई-श्रम पंजीयन हेतु स्थाई कैंप की व्यवस्था करें। श्रम प्रवर्तन अधिकारियों को सभी विभागों व जिला प्रबन्धक सीएससी से समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिये गये। उन्होंने बताया कि ईश्रम पंजीयन सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर शासन द्वारा एक वृहद अभियान के तौर पर चलाया जा रहा है इस लिये सभी विभाग इसे गंभीरता से लें और आवंटित लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रयास करें। सीएससी प्रबन्ध को निर्देश दिए कि वे सभी सीएससी संचालकों को एक्टिव करें तथा ब्लाकों व कसीएससी सेन्टरों पर कामगारों का पंजीयन कराने में सहयोग करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पंजीयन की रोजाना प्रगति की रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध कराई जाय।
बैठक में उपश्रमायुक्त देवीपाटन मण्डल रचना केशरवानी ने बताया कि शासन द्वारा जनपद गोंडा को 8 लाख 89हजार श्रमिकों का 31 दिसंबर से पूर्व पंजीयन कराने का लक्ष्य दिया गया है जिसके सापेक्ष अब तक 85 हजार 184 श्रमिकों का पंजीयन हो चुका है।
डीएम ने आवारा गोवंशों को गो आश्रय स्थलों में संरक्षित किए जाने के सम्बन्ध में सख्त चेतावनी दी कि अगले एक हफ्ते में विशेष अभियान चलाकर आवारा गोवंशों को गोशालाओं में संरक्षित किया जाय। इसके लिए नगर निकायों में उपलब्ध कैटिल कैचर का उपयोग किया जाय। सभी नकर निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नकगरीय क्षेत्रों में घूम रहे आवारा गोवंशों को पकड़कर गौ आश्रय स्थलों मे पहंुचाएं।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित सभी सहायक पशु चिकित्साधिकारियों व खण्ड विकास अधिकारियों को चेतावनी दी कि सभी निराश्रित गौ आश्रय स्थलों पर चारा, पानी आदि का समुचित प्रबन्ध सुनिश्चित करें इसके साथ ही गौ वंशों की शत-प्रतिशत इयर टैगिंग कराई जाय। गौ आश्रय स्थलों पर स्टाक रजिस्टर मेनेटेन किया जाय। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि जनपद कि लक्ष्य 1028 गौ वंशों की सुपुर्दगी कराकर उन्हें अवगत कराएं। एक करोड़ से अधिक धनराशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र अभी तक न दिए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देश दिए कि एक सप्ताह के अन्दर उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जाय।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी, सीआरओ जयनाथ यादव, एडीएम सुरेश कुमार सोनी, नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट सूरज पटेल, सीएमओ डा0 आरएस0 केसरी, उपश्रमायुक्त देवीपाटन मण्डल रचना केशरवानी सहित सभी ब्लाकों के खण्ड विकास अधिकारी, सहायकि पशु चिकित्साधिकारी, एडीओ पंचायत सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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