फसल बीमा योजना के बारे में किसानों को दें जानकारी

गोण्डा - मंगलवार को एनआईसी के माध्यम से वर्चुअली राज्य स्तरीय रबी उत्पादन गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील किया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए अधिक से अधिक खाद्यान्न उत्पादन करें। ऑनलाइन लखनऊ से प्रदेश के किसानों को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि कृषि निवेशों की व्यवस्था कृषि एवं सहकारिता विभाग समय से सुनिश्चित करायेंगे। उन्होंने किसानों से यह भी अपील किया कि खाद्यान्न उत्पादन बढाने के लिए तीन वर्ष पुराना बीज परिवर्तित करें। उन्होने कहा कि 50 लाख कुन्टल बीज की व्यवस्था प्रदेश में की गयी है।
       उन्होंने दलहन तथा तिलहन की उत्पादकता बढाये जाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि 18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दाल तथा 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन की फसल बोने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि लगभग 108 प्रतिशत बरसात हुई है, जिससे खेतो में नमी बनी हुयी है। उन्हें विश्वास व्यक्त किया कि इस वर्ष 632 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए सामान्य धान की कीमत 1860 रुपये प्रति कुंतल से बढ़ाकर 1940 रूपया कर दिया है। गन्ना मूल्य में भी 25 रुपये की बढ़ोतरी की गयी है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 214.56 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करके 31.88 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया था। इस वर्ष भी धान की खरीद करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि महिला एवं लघु सीमान्त किसानों का धान खरीदने के लिए प्रत्येक शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है।
आयुक्त ने आधिकारिक एफ0पी0ओ0 गठित करने तथा किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन के अंतर्गत भी किसानों को यंत्र अनुदान पर दिये जा रहे है। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि फसल बीमा योजना का अधिकाधिक लाभ किसानों को दिलाये। इसके लिए प्राकृतिक आपदा से हुयी क्षति का 72 घंटे के भीतर बीमा कम्पनी के साथ मौके पर जाकर सत्यापन करें। किसानों को बीमा का लाभ दिलाने में किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नही होगी।
आयुक्त श्री रंगाराव ने इस अवसर पर बताया कि मण्डल में रबी की मुख्य फसल गेहूँ एवं मसूर है। गत वर्ष रबी में गेहूं का आच्छादन 474 लाख हे0 एवं मसूर का आच्छादन 1.07 लाख हे० रहा। इस वर्ष गेहूँ के आच्छादन का लक्ष्य 4.77 लाख हे0 एवं मसूर का 1.39 लाख हे० रखा गया है । मंडल में गत वर्ष रबी में गेहूं की औसत उत्पादकता 34.17 कुन्तल/हे0 प्राप्त हुई । इस वर्ष में मण्डल गेहूँ की उत्पादकता का लक्ष्य 35.47 कुन्तल प्रति हे0 रखा गया है । राज्य स्तर पर गेहूँ की उत्पादकता का लक्ष्य 39.50 कुन्तल प्रति कु० रखा गया है। मण्डल में बीज की व्यवस्था में कमशः गेहूँ 216504 कुन्तल, दलहनी फसलों यथा-चना 872 कुन्तल , मटर 1870 कुन्तल एवं मसूर 17587 कुन्तल, तिलहनी फसलों में तोरिया 919 कुन्तल एवं राई ध् सरसों की 1388.80 कुन्तल का लक्ष्य प्राप्त है। बीजों की उपलब्धता ससमय सुनिश्चित की जा रही है ।
        आयुक्त ने बताया कि उत्पादकता में वृद्धि हेतु गेहूँ की उन्नतशील प्रजातियों का जीरो ट्रिल  सीड ड्रिल के प्रयोग से बुवाई सुनिश्चित करायी जायेगी। मण्डल के सभी जनपदों में उर्वरक एवं कृषि रक्षा रसायन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिन्हें सहकारी समितियों एवं निजी उर्वरक केन्द्रों के माध्यम से वितरण कराया जा रहा है ।
जिलाधिकारी ने बताया कि रबी अभियान के समय मण्डल में कृषि निवेश विक्री केन्द्र राजकीय कृषि बीज भण्डार, सहकारी समितियां, यूपीएग्रो के विक्री केन्द्र प्रतिदिन समय से खुलेंगे, जिससे किसानों को इधर-उधर भटकना न पड़े। समय से कृषि निवेश व्यवस्था एवं कृषि की तकनीकी जानकारी हेतु मण्डल के प्रत्येक विकास खण्ड, न्याय पंचायत स्तर पर कोविड -19 सम्बन्धी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए गोष्ठियां आयोजित कर किसानों को जानकारी दी जायेगी। मण्डल में अब तक विभाग द्वारा 54 कृषक उत्पादक संगठन ( एफ०पी०ओ0 ) का गठन किया जा चुका है। साथ ही साथ अन्य कृषक उत्पादक संगठनों के गठन की कार्यवाही चल रही हैं। गठित कृषि उत्पादक संगठनों द्वारा मुख्यतः कास्ट इफेक्टिव खेती, जैविक खेती , बीज विधायन संयत्र की स्थापना , सुगंधित धान एवं बीज उत्पादन, सब्जी एवं गुड़ उत्पादन और आपूर्ति एवं चन्दन की खेती का कार्य किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा यंत्रीकरण योजनान्तर्गत फार्म मशीनरी बैंक ध् कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना, दृष्टि योजनान्तर्गत बीज विधायन संयंत्र की स्थापना , आदि का कार्य किया जा रहा है।
   गोष्ठी में जिलाधिकारी श्री मार्कंडेय शाही ने भी रबी की तैयारियों के के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। गोष्ठी को लखनऊ से निदेशक कृषि, पशुपालन, उद्योग, मत्स्य ने सम्बोधित करते हुए विभागीय योजना की जानकारी दिया। नीरज श्रीवास्तव ने पराली प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दो वर्षो में खेत में पराली जलाने की घटना में वृद्धि हुयी है। उन्होने वेस्ट डीकम्पोजर यंत्र खरीदे जाने पर बल दिया।
रबी गोष्ठी में एनआईसी वीसी रूम में मण्डलायुक्त एसवीएस रंगाराव, डीएम मार्कण्डेय शाही, सीडीओ शशांक त्रिपाठी, उपनिदेशक कृषि शैलेन्द्र सिंह शाही, जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव, लीड बैंक मैनेजर अभिषेक रघुवंशी तथा प्रगतिशील किसान गण उपस्थित रहे।

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