बाढ़ प्रबंधन पर राष्ट्रीयआपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वर्चुअल माध्यम से दिया गया प्रशिक्षण,हीलाहवाली पर कड़ी चेतावनी

गोण्डा - राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बाढ़ प्रबंधन हेतु ऑनलाइन टेबल टॉप एक्सरसाइज के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। 
         वर्चुअल बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा विस्तृत रूप से बाढ़ प्रबंधन के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी गई। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा उत्तर प्रदेश नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति 2020, बाढ़ पूर्व चेतावनी की व्यवस्था, समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण परियोजना, आपदा प्रहरी ऐप, मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम, प्रदेश में बाढ़ शरणालयों एवं शरणार्थियों की स्थिति के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। एनडीआरएफ द्वारा बाढ़ से बचाव के पूर्व की तैयारियों के संबंध में अवगत कराया गया। एनडीआरएफ की एक टीम जिले में वर्तमान में तैनात है।
     मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में वर्चुअल ऑनलाइन टेबल टॉप एक्सरसाइज में संबंधित अधिकारियों द्वारा बाढ़ प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया एवं बाढ़ के दौरान जान-माल एवं पशुहानि को न्यूनतम किए जाने के संबंध में विस्तृत कार्य योजना की जानकारी दी गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन तंत्र मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंनेे कहा कि आपदा को लेकर संवेदनशील, अतिसंवेदनशील स्थान चयनित किए जाएं और राहत शिविर, उपकरण, मानव संसाधन, कंट्रोल रूम, हेलीपैड, पुल, जर्जर व जीर्णशीर्ण भवनों का जायजा भी लिया जाए। उन्होंने किसी भी स्तर पर आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण में हीलाहवाली दिखाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
           इस दौरान पर अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह, एडिशनल एसपी शिवराज, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 आर0एस0 केसरी, एसडीएम करनैलगंज हीरालाल, डीपीओ मनोज कुमार, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव, आपदा लिपिक, एक्सईएन जल निगम मुकीम अहमद, डीसी एनअरएलएम दिनकर विद्यार्थी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 रवीन्द्र रठौर, अधिशासी बाढ़ खण्ड, अधिशासी अभियन्ता विद्युत सहित अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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