गोंडा -
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत का आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) आपकी जेब में है, तो किसी भी आकस्मिक बीमारी में बिना वक्त गंवाए चिकित्सक आपको नया जीवन दे सकते हैं, क्योंकि कुछ आकस्मिक बीमारियों में एक-एक पल की बड़ी अहमियत होती है । यही कारण है कि केंद्र व प्रदेश सरकार वह हरसम्भव कदम उठा रही है कि पात्र लाभार्थियों का जल्द से जल्द आयुष्मान कार्ड बना दिया जाए ताकि उनको किसी भी आड़े वक्त में इलाज के लिए किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत न पड़े और न ही कर्ज लेकर इलाज के लिए विवश होना पड़े । इसी को ध्यान में रखते हुए अब घर व गाँव के करीब शिविर लगाकर मुफ्त में आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं । इसलिए अगर आप योजना के पात्र लोगों की सूची में हैं तो नौ अगस्त तक चलने वाले विशेष आयुष्मान पखवाड़े में आस-पास लगने वाले शिविर में जाकर मुफ्त में कार्ड बनवा सकते हैं । यह कहना है योजना के नोडल अधिकारी / एसीएमओ डॉ. एपी सिंह का । डॉ. एपी सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना देश में कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त में सालाना पांच लाख रूपये तक की बीमा कवरेज मुहैया कराती है। यह दुनिया की सबसे बड़ी और पूरी तरह से सरकारी खर्च पर चलने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना है । इसमें कैंसर और दिल की बीमारियों जैसी 1000 से ज्यादा गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जिले के 27 सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है । इसके अलावा योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध सरकारी व निजी क्षेत्र के प्रदेश के 2900 अस्पतालों समेत देश के कई अन्य शीर्ष स्तर के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा है | जिस पात्र लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड है, वह छोटी से लेकर बड़ी बीमारियों तक का इलाज अस्पताल में भर्ती होकर करवा सकते हैं । बीमारी की स्थिति में सभी मेडिकल जांच, ऑपरेशन, इलाज व दवा का खर्च इसके तहत कवर होता है। अगर कोई व्यक्ति कार्ड बनने से पहले से बीमार है, तो भी उसका इलाज इस योजना के अंतर्गत होगा। इन बीमारियों में मैटरनल हेल्थ और सी-सेक्शन या उच्च जोखिम प्रसव की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, कैंसर, टीवी, कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्ट बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी, एमआरआई, सीटी स्कैन, दिल की बीमारी, किडनी, लीवर, डायबीटीज, कोरोनरी बायपास, घुटना बदलना, स्टंट डालना, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारी आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च भी इस हेल्थ बीमा में कवर किए जा रहे हैं । योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ संदीप कुमार तिवारी का कहना है - “यदि चिकित्सालय को ज्ञात है कि मरीज के परिवार के अन्य सदस्य कार्डधारक हैं अथवा प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री का पत्र लाभार्थी परिवार के पास उपलब्ध है, तो ऐसी परिस्थिति में चिकित्सालय कार्ड बनाए जाने की प्रक्रिया के साथ-साथ मरीज का इलाज अविलम्ब शुरू कर सकता है ।
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