गोण्डा-जिलाधकारी मार्कण्डेय शाही ने सर्पदंश से हुयी मृत्यु में मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं तथा जनसामान्य से अपील की है कि सर्पदंश से मृतक होने वाले व्यक्ति का पोस्टमार्टम जरूर कराएं हैं जिससे परिजनों को आर्थिक मदद दिलाने में कठिनाई न हो।
उन्होंने बताया कि अगस्त 2018 में सर्पदंश को राज्य आपदा घोषित करते हुए सर्पदंश से मृत्यु की दशा में प्रत्येक मृतक के आश्रितों को चार लाख रूपए की अहेतुक सहायता दिये जाने का प्राविधान है। सर्पदंश से मृत्यु को प्रमाणित करने के लिए मृतक की विसरा जांच हेतु फारेंसिक लैब भेजी जाती है और मृतक की विसरा जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा में मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता समय से उपलब्ध नहीं मिल पाती है। उन्होंने बताया कि फारेंसिक स्टेट लीगल सेल के अनुसार सर्पदंश के प्रकरणों में विसरा रिपोर्ट को प्रिजर्व करने का कोई औचित्य नहीं है तथा विसरा जॉच रिपोर्ट से सर्पदंश से मृत्यु प्रमाणित भी नहीं होता है।
उन्होंने बताया कि स्टेट मेडिको लीगल सेल के परामर्श के क्रम में सर्पदंश से मृत्यु की दशा में विसरा जांच रिपोर्ट की कोई प्रासंगिकता न होने के कारण सम्यक विचारोपरान्त सर्पदंश से मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्धारित प्रकिया का पालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं जिसके अनुसार मृतक का पंचनामा कराया जाय, मृतक का पोस्टमार्टम कराया जाय। पोस्टमार्टम के पश्चात मृतक की विसरा रिपोर्ट प्रिजर्व करने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सर्पदंश से मृत्यु की दशा में मृतक के आश्रितों को अधिकतम 07 दिन के अन्दर अहेतुक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश शासन द्वारा दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को मृत्यु के प्रकरणों में प्रकिया का पालन करते हुए मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रकरणों को 07 दिन के अन्दर निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं।
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