करनैलगंज गोण्डा (रमेश पाण्डेय)। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर योगाचार्य आदर्श मिश्र ने ऑनलाइन योग क्लास में उपस्थित सभी योग के युवा साथियों को नशा से होने वाले दुष्प्रभाव को बताते हुए योग के आसनों व प्राणायाम तथा आयुर्वेदिक औषधि के प्रयोग से नशामुक्ति के लिए उपाय बताया। उन्होंने ने कहा नशा नास की जड़ है। इससे दूर रहकर ही सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा आज पूरा विश्व जो कोरोना वायरस से जूझ रहा है हजारों लोगों को फेफड़े में संक्रमण हो रहा है इसका एक कारण नशा भी है। देश के करीब 4 फीसदी लोगों में शराब, सिगरेट, अफीम, गांजा, भांग, तंबाकू का नशा करने की बुरी आदत है। समय रहते इनपर काबू पाकर शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है। नशा छोड़ने के बाद कुछ दिन व्यक्ति के शरीर में बेचैनी, मन अशांत रहना, नींद न आना व व्याकुलता बढ़ना आदि समस्या आती है। मगर कुछ दिन बाद सब सही हो जाता है और नशामुक्ति के बाद वह व्यक्ति पूरा जीवन आनंद लेता है।
इस बुराई को समाप्त करने के लिए शासन के साथ ही समाज के हर तबके को आगे आना होगा। योग प्राणायाम ध्यान के अभ्यास से इस नशे रूपी राक्षस से बच सकते हैं। ऑनलाइन योग शिविर में उपस्थित सभी युवा साथियों ने नशा जीवन मे ना अपनाने का संकल्प लिया। गोण्डा से प्रभाकर मौर्य व करनैलगंज से हेमंत यादव, महेश सिंह ने तम्बाकू, सिगरेट व अन्य नशों की लतों को सार्वजनिक रूप से छोड़ने का संकल्प लिया।