गोण्डा-कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों, अब तक की गई तैयारियों तथा जिले के कोविड संक्रमण की स्थिति व नियंत्रण आदि के लिए शासन से नामित नोडल अधिकारी/सचिव नगर विकास विभाग उ0प्र0 अनुराग यादव ने रविवार को कलेक्ट्रेट पहंुचकर कोविड कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया तथा डीएम व सीडीओ सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर गहन समीक्षा की।
नोडल अधिकारी द्वारा सबसे पहले तहसील करनैलगंज अंतर्गत ग्राम रैगांव, चकरौत तथा भैरवनाथ पुरवा ग्राम में कोविड से हुई मौतों के बारे में जिला प्रशासन की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी ली गई। उन्होंने कहा कि यह समय बहुत कठिन है और हम लोगों की नैतिक जिम्मेदारी है कि हर पहलू पर समय से कार्यवाही सुनिश्चित की जाय जिससे संक्रमण को कम किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध बेड्स की संख्या, रेट की जानकारी अस्पतालों के बाहर जरूर डिस्प्ले कराया जाय तथा प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाय कि कोई भी हास्पिटल ओवर रेटिंग न करने पावे। कंट्रोल रूम में काॅल रिकार्डर लगवाया जाय तथा हर काँल रिकार्ड की जाय। कन्ट्रोल रूम में कॉल करने वाले हर व्यक्ति को समुचित रिस्पांस दिया जाय और सही जानकारी दी जाए ताकि लोग परेशान न हों और उन्हें समय पर सही उपचार मिल सके। कोविड से मृत हुए लोगों के शवों के निस्तारण की व्यवस्था अनिवार्य रूप से प्रोटोकॉल के अनुसार कराई जाय। लोगों को कोविड से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न माध्यमों का प्रयोग किया जाय तथा जनपद में पब्लिक एड्रेस सिस्टम को सक्रिय रखा जाए। बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोविड का टीका लगवाया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी द्वारा पाॅवर प्वाइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत अब तक की गई कार्यवाही व तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया गया। सीडीओ द्वारा बताया गया कि जिले में कोविड से बचाव के लिए जिला अस्पताल कें कोविड अस्पताल में 180 बेड तथा एससीपीएम हास्पिटल में 160 बेड्स की की व्यवस्था है। इसके अलावा जिले के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी कोविड हास्पिटल के रूप में व्यवस्थित किया गया है। संसाधनों की समीक्षा में सीडीओ द्वारा नोडल अधिकारी को बताया गया कि 700 नए बेड की व्यवस्था की गई है। 91 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर मंगाए गए हैं तथा 275 नए ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था की गई है। 02 लैबों में कोविड की जांच की सुविधा उपलब्ध है तथा वर्तमान में 630 रेमडेसिवीर इंजेक्शन की उपलब्धता है। इसके अलावा एसडीआरएफ फंड से कोविड हॉस्पिटल में नया ऑक्सीजन प्लांट लगवाए जाने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
कोविड जांच की समीक्षा में नोडल अधिकारी द्वारा और अधिक टेस्टिंग कराए जाने के निर्देश नोडल अधिकारी द्वारा दिए गए। बताया गया कि जिले में कोरोना में 18 गुना वृद्धि की गई है। गांवों में कोविड जांच, जागरूकता आदि के लिए 74 आरआरटी टीमें लगाई गई हैं। कोविड कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर में कुल 56 स्टाफ की ड्यूटी तीन शिफ्टों में लगाई गई है तथा गांव-गांव निगरानी समितियों के माध्यम से जांच व सर्वे का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाय। नोडल अधिकारी को बताया गया कि रोजाना होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से आईजी देवीपाटन, एसपी गोण्डा तथा स्वयं डीएम के द्वारा फोन पर बात हाल-चाल लिया जाता है।
बैठक में डीएम मार्कण्डेय शाही, सीडीओ शशांक त्रिपाठी] एडीएम राकेश सिंह, सीआरओ आरआर प्रजापति, सीएमओ आर0एस0 केसरी, प्रमुख अधीक्षक जिला अस्पताल डा0 घनश्याम सिंह, प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर आत्रेय मिश्रा व आकाश सिंह, डीसी एनआरएलएम दिनकर विद्यार्थी, डीपीएम अमरनाथ, डा0 मलिक आलमगीर, डा0 देवराज सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
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