बेटों ने नहीं दी पनाह तो बृद्धाश्रम की ली शरण,करोड़पति व्यक्ति व प्रख्यात जादूगर जगदीश भारती की दास्तां

करनैलगंज गोण्डा (रमेश पाण्डेय)। अभी तक जो स्टोरी फिल्मों में देखने को मिलती थी, वैसे ही एक हकीकत करनैलगंज में देखने को मिली है। जिसे जानकर सभी का हृदय द्रवित हो जाएगा। जी हां बागवान फ़िल्म की तर्ज पर बेटों की उपेक्षा व बेटे द्वारा घर बेंच देने एवं प्रताड़ना से तंग करोड़पति व्यक्ति व प्रख्यात जादूगर जगदीश भारती ने अब बृद्धाश्रम की शरण ली है। करनैलगंज के गाड़ी बाजार निवासी 86 वर्षीय वृद्ध व राज्य के जाने-माने प्रसिद्ध जादूगर जगदीश भारती पुरवार अपनी जादूगरी की अद्भुत प्रतिभा के कारण पूरे देश में विख्यात है। जिनके करनैलगंज सहित अन्य जिलों में करोड़ो रूपये के कई मकान हैं। अपने ही घर मे उपेक्षा व बेटों की प्रताड़ना के चलते भाग कर अनाथालय में शरण ले रखा है। उनके दो लड़के राकेश कुमार पुरवार व अनिल कुमार पुरवार व बेटी मंजू बाला के होते हुए एंव उपेक्षा के कारण वृद्धा आश्रम में बीते चार दिनों से शरण लिए हैं। 
   बताते चलें पिछले 40 वर्षों से अपने आवास में रह रहे 86 वर्षीय जादूगर जगदीश भारती के करोड़ो रूपये के सम्पत्ति, मकान को उनके बेटे द्वारा बेंच देने तथा खाली कराकर खरीददार को कब्जा दे दिया। जिसका उन्होंने विरोध किया तो उनके बेटे व उनके साथ आये लोगों ने उसके साथ बदसलूकी की। जिसके बाद पीड़ित वृद्ध जगदीश भारती ने इसकी सूचना डायल 112 को  को दी। पुलिस द्वारा भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके बाद असहाय व डरे वयोवृद्ध जगदीश भारती करनैलगंज नगर को छोड़कर रातों-रात गोंडा स्थित अनाथालय में शरण लेने के लिए मजबूर हुए।
वृद्ध आश्रम में जगदीश भारती ने बताया मेरे ही लोग मेरी हत्या करना चाहते है मेरे लड़के व लड़की किसी ने साथ नही दिया न ही घर मे शरण दिया। यहां आश्रम में खुश हूं। छोटे बेटे अनिल कुमार पुरुवार ने बताया कि उनके पिता जी बड़े भाई के साथ उनके हिस्से में रहते थे। मैं उनको हर महीने खर्चा देकर रिसीविंग ले लेता हूँ। बाकी उनके बारे में जानकारी नही है कि वे कहां, किस हालत में हैं। उनके बड़े बेटे राकेश कुमार पुरुवार का कहना है कि पिता जी चार दिनों से गायब हैं उनके बारे में जानकारी नही है। दो दिन तलाश करने के बाद पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराने की तहरीर दिया है। उनका कहना है कि वे मेरे हिस्से में रहते थे अचानक लापता हो गए। जब उन्हें वृद्धाश्रम में होने की जानकारी दी गई तो वे चौंक गए। हालांकि इस पूरी घटना ने बागवान फ़िल्म की कहानी को दोहरा दिया है।

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