करनैलगंज गोण्डा (रमेश पाण्डेय)। एक तरफ कोरोना महामारी दोगुनी क्षमता के साथ तेजी से बढ़ रही है वहीं प्रशासन द्वारा बाहर से आने वाले प्रवासियों को रोकने, जांच करने या उनका डाटा एकत्र करने की कोई व्यवस्था नही की है। न बैरियर, न कवारेंटिंन सेंटर, न ही जांच केंद्र बनाये गए हैं। जबकि बाहरी जिलों व प्रदेशों से आने वाले यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है इसके साथ ही कोरोना के मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा होता जा रहा है। पिछले वर्ष कोरोना महामारी फैलने के पहले ही शासन प्रशासन द्वारा करनैलगंज में चार स्थानों पर बैरियर लगाए गए थे। बाहर से आने वाले सभी वाहनों को रोक कर यात्रियों की जांच होती थी। संदिग्ध पाए जाने पर उन्हें कवारेंटिंन करने की व्यवस्था भी की गई थी। इसके लिए करनैलगंज क्षेत्र में 15 कवारेंटिंन सेंटर भी बनाये गए थे। मगर इस बार प्रशासन की लापरवाही का नतीजा यह रहा कि कोरोना अब हर गांव, हर शहर व मोहल्लों में दस्तक दे चुका है। बाहर से आने वाले प्रवासी बेधड़क अपने गंतव्य स्थान व घरों तक पहुंच रहे हैं। जिनके बारे में प्रशासन पूरी तरह अनजान बना हुआ है। लोग स्वतः बीमार होने की दशा में अस्पतालों में पहुंचकर जांच करा रहे हैं और कोरोना पॉजिटिव निकलने के बावजूद भी अपने घरों को वापस चले जाते हैं। जहां उनके लिए कोई रोक-टोक की व्यवस्था भी नहीं की गई है।