अवनी: बौद्धिक रूप से मंद बच्चों के लिए एक प्रेरणा

गोण्डा-सामाजिक सरोकार से जुड़े ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री न सिर्फ ज्योतिष जगत में बल्कि समाज सेवी के रूप में भी अपनी दखल बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
हाल ही में पंडित अतुल शास्त्री अपने मित्र पंडित राहुल कुलकर्णी संग कल्याण के मुरबाड़ स्थित माल गाँव के मानसिक रूप से कमज़ोर बच्चों के लिए खोले गए अवनी स्कूल में उन बच्चों से मिलने गए थे। गौरतलब है कि शास्त्री जी न सिर्फ उन बच्चों से मिले बल्कि उनके साथ 8 घन्टे बिताए। इस स्कूल की विशेषता यह है कि इस स्कूल में 5 वर्ष की उम्र से लेकर 80 वर्ष की उम्र के बच्चे भी हैं। बकौल पंडित अतुल शास्त्री इस स्कूल की संस्थापिका प्रतिभा इरक़्शेट्टी जी ने उन्हें बताया कि इस स्कूल की स्थापना उन्होंने अपनी छोटी बहन जयश्री की मृत्यु पश्चात वर्ष 2007 में की थी, जो स्वयं एक स्पेशल बच्ची थी। टोकावड़े गाँव में इस स्कूल की स्थापना एक चॉल में हुई थी लेकिन गाँववालों के चॉल खाली करवाने के बाद प्रतिभा जी उस स्कूल को कल्याण स्थित मुरबाड़ के माल गाँव मे ले आएं। वर्तमान समय मे इस स्कूल में 95 बच्चे हैं जो 5 वर्ष से लेकर 80 वर्ष के है। 
प्रतिभा जी द्वारा रखे गए इस स्कूल का नाम अवनी भी काफी दिलचस्प है जिसे उन्होंने अन्न, वस्त्र तथा निवास से जोड़कर बनाया है।
इस स्कूल की विशेषता यह है कि यहाँ बच्चों के न सिर्फ अन्न, वस्त्र और निवास की व्यवस्था की जाती है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी दी जाती है जिससे वह अपना कुछ खर्च निकाल सके। इसके लिए दीपावली पर दीया डिज़ाइन, रक्षा बंधन पर राखी बनाने तथा और कई कलात्मक वस्तुएँ सिखाई और बनाई जाती है।
95 बच्चों की तन-मन-धन से देखभाल में जुटी प्रतिभा शेट्टी ने पंडित अतुल शास्त्री जी के मार्फ़त लोगों से यह अपील भी की है कि यदि उनके आस पास इस तरह का कोई बच्चा हो तो वह उसे इस स्कूल में नि:शुल्क दाखिल कर सकते हैं। साथ ही जो आर्थिक रूप से सम्पन्न हैं, वो अपनी तरफ से कुछ सहयोग राशि भेंट कर इन बच्चों की मदद भी कर सकता है।
हमारा समाज सुदृढ़ तब बनेगा जब समाज में इस तरह के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा और इसके लिए ज़रूरी है उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाए।

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