करनैलगंज/गोण्डा: तहसील करनैलगंज में धोखाधड़ी से बैनामा कराने वालों की होड़ लगी हुई है। ताजा मामला प्रकाश में आया है। मूक बधिर से बैनामे के प्रकरण में कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी ने जांच का आदेश दिया था। सुुबेेेदारपुरवा ग्राम चौरी थाना कोतवाली करनैलगंज का है जहां रामलाल पुत्र छेदी के शिकायत को संज्ञान में लेते हुए प्रकरण में जिलाधिकारी ने जांच का आदेश दिया है। मूक बधिर दिव्यांग शिकायतकर्ता ने जनता दर्शन में जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि सम्मान निधि दिलवाने के बहाने विपक्षी राजकुमार द्वारा तहसील करनैलगंज में धोखे से कागजात पर उसका अंगूठा लगवा लिया तथा कूट रचित तरीके से उसकी जमीन का बैनामा करा लिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने एडीजी स्टाम्प को उक्त मामले की जांच कर फर्जी बैनामे में शामिल जिम्मेदार अधिकारी व आरोपी का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्यवाही का निर्देश दिया है। फर्जी बैनामे का दूसरा प्रकरण विकास खंड कटरा बाजार ग्राम पंचायत गंडाही का है जहां जालसाजों ने राजस्व कर्मियों से मिलीभगत कर मूक बधिर मंद बुद्धि महिला से साढ़े नौ बीघा जमीन बैनामा करवा लिया। पीड़िता संगीता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी माता लल्ली व पिता बाबूलाल पैदाइशी मूक बधिर थे। वह अपने माता पिता की एकलौती संतान है और विरवा गांव के एक व्यक्त के साथ 2016 मे उसका विवाह हुआ था। पीड़िता की मूक बधिर माँ लल्ली अपने घर गंडाही मे रहती थी। तथा उसके पिता सत्यनारायण की मृत्यु सन 2013 में हो गई है। महिला ने बताया कि उसकी सारी जमीन उसके बाबा बाबूलाल के नाम पर है। बावजूद इसके जालसाजों ने अधिकारियों की मिलीभगत से उसकी मूक बधिर मां लल्ली से 11 जनवरी 2021 को साढ़े नौ बीघा जमीन बैनामा करवा लिया। जबकि वरासत के तहत लल्ली को जमीन का मालिकाना हक 31 जनवरी 2021 को मिला। अब सवाल यह उठता है कि वरासत होने के ठीक बीस दिन पहले लल्ली ने जमीन का बैनामे कैसे कर दिया। और जब लल्ली मूक बधिर है तो निबंधन कार्यालय में उसका बयान कैसे दर्ज किया गया। जबकि मूक बधिर बेवा महिला लल्ली देवी सन 2006 से सरकारी विकलांग पेंशन योजना का लाभ ले रही है। मामला जब जिलाधिकारी के दरबार मे पहुंचा तो जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उक्त मामले में जालसाजी करने वाले जालसाजों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का व उपनिबंधक की भूमिका की जांच का आदेश दिया। फिलहाल जालसाज अभी तक जांच की आंच से काफी दूर हैं।