गोण्डा-मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के पीछे बेहद पवित्र मंशा है। प्रतिभावान अभ्यर्थी जिन्हें केवल इसलिए अवसर नहीं मिल पाता है कि उनके पास आर्थिक संसाधन नहीं होते हैं, इसी कारण उन्हें सही वक्त पर मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है, उन्हें प्रशासनिक सेवाओं में लाकर सभ्य और स्वस्थ समाज के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जा सकती है।
प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं उपमा के महाप्रबंधक श्री एल0वेंकटेश्वर लू ने ये उदगार आज गांधी पार्क के टाउन हाल में आयोजित अभ्युदय योजना से सम्बंधित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ करने के उपरांत सम्बोधन में महानिदेशक ने वेद, पुराण, गीता, उपनिषद, रामायण और महाभारत का हवाला देते हुए प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को सफलता के गुर बताए। उन्होंने कहा कि संविधान ने देश के नागरिकों को अवसर की समानता प्रदान किया है। इस योजना से यह सभी पूर्ण रूप से फलीभूत होंगी। अब गरीब मां-बाप के मेधावी बच्चे भी बड़े अधिकारी बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि अभ्युदय योजना से बच्चों एवं शिक्षकों में पठन-पाठन की रुचि ही नहीं जागृत होगी, बल्कि इस योजना से अवसर और प्रतिष्ठा की समानता भी प्राप्त होगी। जब एक अधिकारी या शिक्षक अपने मूल दायित्वों के साथ प्रतिभाशाली गरीब बच्चे को पूर्ण सेवा भाव के साथ प्रशिक्षित करता है, और वह आगे चलकर उच्च पद को प्राप्त करता है तो वह उच्च पदस्थ व्यक्ति कैसा होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षकों को संकल्प दिलाया कि वह अभ्युदय योजना को आगे ले जाने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञान और कर्म से समाज चलता है। हमारे लिए अनुशासन और नैतिक मूल्यों की शिक्षा बहुत जरूरी है। महानिदेशक ने कहा कि ऋषि मुनियों का ज्ञान और क्रांतिकारियों का मार्गदर्शन भारत को परम वैभव तक ले जाकर विश्व गुरू बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि ईश्वर के यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि जो छल कपट करेगा, वह मजे काटेगा। उन्होंने अधिकारियों का आहवान किया कि परिस्थितियां अनुकूल होने पर हमें अच्छा काम करना चाहिए। इस समय काम करने का अच्छा वातावरण है। उन्होंने कहााकि सेवा का महत्व समझना होगा और सेवा की भावना से किया गया कार्य ही वास्तव में समाज हित का कार्य होता है। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में योग्यता के आधार पर चयन होना चाहिए न कि किसी अन्य प्राथमिक आधार पर। उन्होंने कहा कि वंचित तबके के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को बेहतर अवसर प्रदान कर संविधान के मूलभूत परिकल्पना को और अधिक सार्थक ढंग से साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभ्युदय योजना के अंतर्गत देवीपाटन मंडल में काफी अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर आयुक्त देवी पाटन मंडल एसवीएस रंगाराव ने कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय येजना के अंतर्गत दी जा रही कोचिंग में क्वालिटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विशेष प्रयास कर ऐसा वातावरण तैयार किया जाएगा जहां पर अभ्यर्थियों को सिर्फ़ मार्गदर्शन ही नहीं, उन्हें सिविल सेवा क्रैक करने के लिए व्यवस्थित भी किया जाएगा। प्रत्येक बच्चे का ध्यान रखा जाएगा।
इससे पूर्व देवीपाटन मंडल के मंडलायुक्त श्री एसवीएस रंगाराव ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि हम सब मिलकर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत दी जा रही कोचिंग में ओरिएंटेशन बदल रहे हैं ताकि अभ्यर्थियों में यदि कोई गलत चीज घर कर गई है तो उसे भी दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि अभी तक इस योजना का फीडबैक बहुत अच्छा रहा है। उन्होंने बताया कि अभ्युदय योजना में देवीपाटन मंडल की एक पृथक वेबसाइट बनाई जाएगी जिससे अभ्यर्थियों को और अधिक आसानी हो जाए। उन्होंने बताया कि अभ्युदय योजना के अभ्यर्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित ऐसी पुस्तकें जो गरीब अभ्यर्थी खरीद नहीं सकते उन्हे खरीद कर पुस्तकालय में रखा जाएगा। जनपद गोंडा में अभ्युदय योजना के तहत किए उत्कृष्ट प्रयासों की प्रशंसा करते हुए आयुक्त ने डीएम और एसपी की प्रशंसा की।
जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने अपने सम्बोधन में कहा कि निश्चित रूप से यह योजना बहुत अच्छी है क्योंकि कोई भी छात्र जिस कोचिंग को ज्वाइन करता है, उसकी फैकल्टी को जरूर देखता है और इस योजना में इतने आईएएस पढ़ा रहे हैं तो अभ्यर्थी के लिए यह एक अवसर और आकर्षण तो है ही। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने गोंडा में बड़ी संख्या में स्मॉर्ट क्लासेज़ तैयार कराने शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि अगले कुछ समय में हम इस योजना के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा बच्चों को कोचिंग देने में सक्षम हो सकें। उन्होंने कहा कि संस्थागत परिवर्तन तभी संभव है जब आधारभूत संरचना मजबूत रहे और वे उसी दिशा में ठोस कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि अब जिले के सभी प्रतिष्ठा लब्ध विद्यालयों में अनिवार्य रूप से लाइब्रेरी स्थापित कराने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है, और जल्द ही इसके सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे।
पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार पांडे ने कहा कि संसाधनों के अभाव से जूझ रहे अभ्यर्थियों के लिए यह योजना वरदान हैँ। कार्यशाला में उपस्थित कई अभ्यर्थियों व अध्यापकों ने सवाल भी पूछे जिनका मुख्यातिथि ने जवाब दिया। इस अवसर पर डीएम बहराइच और डीएम श्रावस्ती ने भी प्रेरणादायक विचार रखे।
कार्यशाला के पहले महानिदेशक ने एलबीएस पीजी कालेज में अभ्युदय योजना के तहत स्थापित लाइब्रेरी का निरीक्षण किया तथा हाइटेक व्यवस्था देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और अभिनव प्रयासों की सराहना की। डीडी समाज कल्याण जितेंद्र सिंह ने स्मृति चिन्ह भेंटकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
कार्यशाला में जिलाधिकारी के आह्वान पर नगर के संभ्रांत जनों ने पाठ्य पुस्तकें प्रदान की। पुस्तकें प्रदान करने वालों में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश सिंह, मुकेश अग्रवाल व रंगेश अग्रवाल तथा जिला पूर्ति अधिकारी वीके महान ने पाठ्य पुस्तकें प्रदान किया। जिलाधिकारी ने छात्रों के भविष्य को लेकर संजीदगी दिखाते हुए पुस्तकें प्रदान करने वाले अधिकारियो और प्रबुद्ध जनों का अभिनंदन और आभार प्रकट किया।
कार्यशाला में डीएम बहराइच शंभू कुमार, डीएम श्रावस्ती टी.के. शिबू, प्रशिक्षु आईएएस अफसर सूरज पटेल, नगर मजिस्ट्रेट वंदना त्रिवेदी, एसडीएम सदर कुलदीप सिंह, एलबीएस प्रिंसिपल वंदना सारस्वत, जीजीआईसी प्रिंसिपल गीता त्रिपाठी, जिला समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल सहित अन्य गणमान्य नागरिक, अभ्युदय योजना के तहत चयनित छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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