गोण्डा-उपश्रामायुक्त देवीपाटन मण्डल रचना केसरवानी ने बताया है कि मजदूरी से अपनी आजीविका चला रहे श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा तमाम कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हंै। श्रमिकांे द्वारा किये जा रहें कार्यो में रिस्क भी होता है। कभी-कभी कार्य के दौरान उनकी मृत्यु भी हो जाती हैं या वे अपंग हो जाते है। श्रमिकों एवं उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक एवं शैक्षिक विकास, खुशहाली एवं उज्जवल भविष्य के लिए प्रदेश सरकार के उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही है जिसका पंजीकृत श्रमिक लाभ उठाते हुए अपना विकास कर रहें है।
बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए सभी प्रकार के निर्माण श्रमिक जिनकी आयु 18 से 60 वर्ष के बीच है पंजीकरण करा सकते है। पंजीकरण के लिए उन्हें पिछले 12 माह में कम से कम 90 दिनों तक निर्माण कार्य करने का नियोजन प्रमाणपत्र या स्वघोषणा उपलब्ध कराना होगा, साथ ही 01फोटो, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कापी लगाकर जनसुविधा केंद्र से बोर्ड के पोर्टल के माध्यम से आँनलाइन पंजियन करा सकते हैं या स्थानीय श्रम कार्यालय के माध्यम से पंजीकरण कराया जा सकता है। प्रदेश में विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए श्रमिक कार्यरत है जिनमें भवन निर्माण, बेल्ंिडग, बढ़ई, कुंआ खोदने, छप्पर डालने, राजमिस्त्री, प्लम्बरिंग, सड़क बनाने, मिक्सर चलाने, पुताई, बिजली मिस्त्री, खनिकर्म करने वाले, ईट निर्माण, टाइल्स मार्बल लगाने वाले, निर्माण स्थलों की चैकीदारी करने वाले, मिट्टी के कार्य व चूना बनाने वाले सहित अन्य निर्माण कार्यो में लगे श्रमिक पंजीकरण के पात्र होते है।
उ0प्र0 भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं में कामगार मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता योजना प्रमुख है जिसके अन्तर्गत दुर्घटना से मृत्यु होने पर 5 लाख रूपये, सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रूपये, स्थाई अपंगता पर 3 लाख रूपये, आंशिक अपंगता पर 2 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। यदि किसी निर्माण श्रमिक का पंजीकरण नही हुआ हो और कार्यस्थल पर दुर्घटना में मृत्यु हो जाय तो उसके परिवार को 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। स्थाई अपंगता पर रू0 1000 से 1500 तक प्रतिमाह आजीवन अक्षमता पेंशन दी जाती है। पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर अन्त्येष्टि हेतु रूपये 25 हजार की आर्थिक सहायता दी जाती है। पंजीकृत विवाहित निर्माण श्रमिक को प्रतिवर्ष रू0 3000, व अविवाहित श्रमिक को रू0 2000 चिकित्सा सुविधा भी दी जाती है। श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को गम्भीर बीमारी होने पर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत सम्बंधित अस्पताल से इलाज कराने की व्यवस्था की गई है।
निर्माण श्रमिक के 60 वर्ष पूर्ण होने एवं तत्समय पूर्ववर्ती 10 वर्ष तक लगातार अंशदान जमा करने पर महात्मा गांधी पेंशन योजनान्तर्गत 1000 रूपये की आजीवन मासिक पेंशन दिये जाने का प्रावधान है। पंजीकृत निर्माण श्रमिक के आवासहीन होने अथवा अधिकतम दो कच्चे कमरे वाले अपनी जमीन पर मकान बनाने या क्रय करने हेतु वार्षिक दो किश्तों में एक लाख रूपये की आवास सहायता दी जाती हैं निजी मकान के मरम्मत हेतु 15 हजार रूपये की एकमुश्त धनराशि दिया जाता है। श्रमिकों को उनके स्वयं के आवास पर शौचालय निर्माण हेतु 12 हजार रूपये दो किश्तों में दिया जाता है। श्रमिकों की दो पुत्रियों के विवाह हेतु रूपये 55 हजार एवं अन्र्तजातीय विवाह हेतु रूपये 61 प्रति विवाह, सामूहिक विवाह की स्थिति में रूपये 65 हजार का कन्या विवाह सहायता योजनान्तर्गत अनुदान दिया जाता है। श्रमिकों या उनके पुत्र पुत्रियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण भी कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजनान्तर्गत दिलाया जाता है।
पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव पर निर्धारित तीन माह के न्यूनतम वेतन के समतुल्य धनराशि एवं रूपये 1000 का चिकित्सा बोनस मातृत्व, शिशु एवं बालिका मद्द योजनान्तर्गत दिया जाता है। इस योजनान्तर्गत पंजीकृत पुरूष कामगार को एकमुश्त 6000 रूपये दिया जाता है। अधिकतम दो नवजात शिशुओं के पोषण हेतु लड़के के जन्म पर रूपये 20 हजार एवं लड़की के जन्म पर रू0 25 हजार प्रतिशिशु की दर से दिये जानेे का प्राविधान है। लड़की होने पर 25 हजार रूपये सावधि जमा कराया जाता हैं जो पुत्री के 18 वर्ष की होने पर देय होता है। संत रविदास शिक्षा सहायता योजनान्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 25 वर्ष तक के अधिकतम दो बच्चों के कक्षा एक से उच्चतर शिक्षा हेतु न्यूनतम रू0 150 से रू0 12 हजार रूपये तक मासिक विभिन्न दरो से छात्रवृत्रि देने का प्रावधान है। साथ ही 10 वीं 12 वीं पास पुत्र पुत्रियोंको साइकिल भी प्राप्तहोती है। श्रमिकों के मेधावी छात्र छात्राओं को प्राप्तांक के आधार पर कक्षा 5 से लेकर उच्चशिक्षा हेतु रू0 4 हजार से रूपये 22 हजार तक की वार्षिक छात्रवृत्रि दिये जाने की भी योजना है। प्रदेश सरकार पंजीकृत श्रमिकों के विकास एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए हर तरह की सहायता देते हुए उनका आर्थिक उन्नयन कर रही है।
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