डीएम के निर्देश पर कोटेदार की जांच,जांच में पूर्ति निरीक्षक को मिली खामियाँ,मुकदमा दर्ज।

गोंडा - जिलाधिकारी के निर्देश पर कोटेदार के विरुद्ध पूर्ति निरीक्षक द्वारा कार्डधारकों को कम राशन देने व अधिक पैसा वसूलने तथा ईपास मशीन पर अंगूठा लगाने के बावजूद भी उन्हें राशन न दिये जाने के मामले में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत खरगूपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है। यहां पर स्टाक की जांच करने पर 29 कुंटल गेहूं एवं 23 क्विंटल चावल कम पाया गया। मामला विकासखंड रुपईडीह की ग्राम पंचायत पूरैनिया का है। यहां उचित विक्रेता दुकान की जांच करने क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक चंदन कुमार गांव पहुंचे। यहां अंत्योदय योजना के तहत 27 कार्ड धारकों को 5 क्विंटल 40 किलो गेहूं व 4 क्विंटल 5 किलो चावल एवं पात्र गृहस्थी योजना के 163 कार्ड धारकों को 20 क्विंटल 19 किलो गेहूं तथा 13 क्विंटल 46 किलो चावल वितरण किया जाना पाया गया।
पूर्ति निरीक्षक ने इसके बाद कार्ड धारकों से मौके पर संपर्क कर उनका बयान दर्ज किया। कार्ड धारकों ने बयान में बताया कि उचित दर विक्रेता पात्र गृहस्थी योजना अंतर्गत दर्ज कार्डो में यूनिट के सापेक्ष निर्धारित मात्रा  से कम राशन अधिक मूल्य लेकर वितरित करता है। यही नहीं कार्ड धारको ने यह भी शिकायत दर्ज कराई कि अप्रैल महीने में ईपास मशीन पर अंगूठा तो लगवा लिया गया लेकिन अनाज नहीं दिया गया। इसी प्रकार मार्च महीने में भी कोटेदार द्वारा अनियमितता बरती गई जिसकी शिकायत लोगो ने की। स्टाक सत्यापन के समय 11 बोरी गेहूं वजन 5 क्विंटल 50 किलो तथा चावल की मात्र एक बोरी वजन करीब 50 किलो दुकान पर मौजूद मिला। सत्यापन के उपरांत अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी दोनों योजनाओं को मिलाकर विक्रेता के स्टॉक में 29 कुंटल 88 किलो गेहूं तथा 23 कुंटल 37 किलो चावल कम पाया गया।
प्रकरण को गंभीरतापूर्वक लेते हुए पूर्ति निरीक्षक द्वारा संबंधित कोटेदार के खिलाफ पुलिस में प्राथिमिकी दर्ज कराई गई है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि राशन कमतौल करने और अधिक मूल्य लेने तथा ईपास मशीन पर अंगूठा लगवाने के उपरांत खाद्यान्न का वितरण न करने के साथ ही स्टाक से गेहूं व चावल का गायब होने से स्पष्ट है कि उचित दर विक्रेता द्वारा खाद्यान्न की कालाबाजारी कर ली गई है।
थानाअध्यक्ष खरगूपुर राजकुमार सिंह ने बताया कि पूर्ति निरीक्षक की तहरीर पर अनियमितता के आरोप में उचित दर विक्रेता के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।

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